पेरिस ओलंपिक 2024 : भारतीय महिला रेसलर एथलीट विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल गोल्ड मेडल मैच से ठीक पहले तय वजन सीमा से 100 ग्राम वजन अधिक होने की वजह से उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया था। इस फैसले के बाद जहां भारतीय ओलंपिक संघ ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी तो वहीं विनेश भी काफी निराश हुईं। विनेश फोगाट ने इस फैसले को लेकर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (सीएसए) से अपील की थी कि उन्हें कम से कम सिल्वर मेडल दिया जाए, जिस पर अब सीएसए ने उनकी अपील को स्वीकार कर लिया है। हालांकि इस पर आखिरी फैसला आना अभी बाकी है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि उन्हें ओलंपिक मेडल मिल सकता है।
पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट ने जब गोल्ड मेडल मैच के लिए अपनी जगह को पक्का किया था तब वह भारत की पहली महिला रेसलर बन गई थीं, जो ओलंपिक के इतिहास में किसी भी किलोग्राम कैटेगिरी का फाइनल मुकाबला खेलने जा रहीं थी, लेकिन मैच की सुबह जब उनका वजन मापा गया तो वह तय सीमा से 100 ग्राम अधिक था। ऐसी स्थिति में विनेश को मुकाबले के लिए अयोग्य करार दे दिया गया था। विनेश ने अपने वजन को कम करने के लिए मुकाबले से एक रात पहले जॉगिंग, साइकलिंग करने के साथ अपने बाल और नाखून तक काटे, लेकिन फिर भी वह सिर्फ 100 ग्राम वजन अधिक होने की वजह से चूक गईं।
विनेश फोगाट डिसक्वालीफाई होने के बाद जहां काफी निराश थीं तो वहीं उन्होंने 8 अगस्त की सुबह कुश्ती से अपने संन्यास का भी ऐलान कर दिया। विनेश ने रेसलिंग में कॉमनवेल्थ से लेकर एशियन गेम्स में पदक जीते हैं। वहीं उन्हें भारत सरकार की तरफ से साल 2016 में जहां अर्जुन पुरस्कार मिला था तो साल 2020 में विनेश को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार भी मिला था। उनका संन्यास लेना पूरे देश के लिए एक बड़ा झटका रहा। हालांकि अब उम्मीद लगाई जा रही है कि सीएसए का फैसला विनेश के हित में आए और उन्हें मेडल मिल जाए। ऐसा होता है तो यह पूरे भारत के लिए गर्व का पल होगा।