इस्लामाबाद। पाकिस्तानी संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने यौन अपराधियों और दुष्कर्म के दोषियों को सरेआम फांसी देने की मांग वाले विधेयक को मंगलवार को नामंजूर कर दिया। दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, सीनेटर मुश्ताक अहमद खान ने चेयरमैन सादिक संजरानी की अध्यक्षता में सोमवार को सीनेट के विदाई सत्र के दौरान यह विधेयक पेश किया था।
सीनेटर मुश्ताक ने कहा कि पिछले पांच वर्ष के दौरान अकेले खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में दुष्कर्म के 1,122 मामले पंजीकृत हुए। इन घटनाओं के बाद पुलिस ने 581 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से 494 बरी हो गए। महिला के साथ दुष्कर्म के 341 संदिग्धों में से केवल 23 को ही सजा मिली। बच्चियों के साथ दुष्कर्म के 152 आरोपितों में से कोर्ट ने केवल 64 को सजा सुनाई। पीएमएल-क्यू सीनेटर कामिल अली आगा ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि अमेरिका में दोषी को घातक इंजेक्शन दिए जाने का वीडियो जारी किया जाता है। सऊदी अरब में सरेआम दंड दिया जाता है। यदि हम मुस्लिम हैं तो हमारी सजा सही होनी चाहिए। पीटीआई सीनेटर हुमायूं मोहम्मद ने भी विधेयक का समर्थन किया। पीपीपी, पीएमएल-एन ने विधेयक का विरोध किया। इसके बाद हुए मतदान में 14 सदस्यों ने विधेयक के समर्थन में, जबकि 24 ने विरोध में मतदान किया।