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धर्मगुरु पोप फ्रांसिस नहीं रहे, पूरी दुनिया के 1.4 अरब कैथोलिक शोक में डूबे

वेटिकन। कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र निधन हो गया है। वेटिकन के मुताबिक स्थानीय समयानुसार आज सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर पोप ने आखिरी सांस ली। पोप फ्रांसिस इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे। निधन की जानकारी देते हुए वेटिकन के कैमर्लेंगो कार्डिनल केविन फेरेल ने कहा कि पोप फ्रांसिस का पूरा जीवन गॉड और चर्च की सेवा में समर्पित रहा। उन्होंने लोगों को हमेशा प्रेम और साहस के साथ जीने का पाठ पढ़ाया। पोप फ्रांसिस के निधन के बाद अब नए पोप का चुनाव किया जाएगा। कार्डिनल मिलकर नए पोप का चुनाव करेंगे।

ईस्टर पर दिखे थे पोप फ्रांसिस

पोप फ्रांसिस ईस्टर रविवार के अवसर पर सेंट पीटर्स स्क्वायर में हजारों लोगों की भीड़ के सामने कुछ समय के लिए आए थे और सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। पोप फ्रांसिस ने लोगों को ईस्टर की शुभकामनाएं भी दी थीं। हालांकि पोप फ्रांसिस ने पियाजा में ईस्टर की प्रार्थना में हिस्सा नहीं लेकर इसे सेंट पीटर्स बेसिलिका के सेवानिवृत्त कार्डिनल एंजेलो कोमास्ट्री को सौंप दिया। रविवार ईस्टर के मौके पर भी उनकी आवाज प्रभावशाली लगी थी, लेकिन सोमवार को अचानक उनकी मौत की खबर दुनिया के सामने आ गई।

दुनिया के 1.4 अरब कैथोलिक शोक में डूबे

वे लंबे वक्त से बीमार थे। निमोनिया की शिकायत पर फ्रांसिस पिछले दिनों अस्पताल में भर्ती हुए थे। पॉप फ्रांसिस के मौत की खबर वेटिकन सिटी से दी गई है। फ्रांसिस 88 साल के थे। एक दिन पहले ही उन्होंने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात की थी। उनकी मौत की खबर के बाद पूरी दुनिया के 1.4 अरब कैथोलिक शोक में डूब गए हैं।

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