Home » शेख हसीना पर हत्या का मुकदमा दर्ज, नरसंहार समेत 12 मामलों में बनाई जा चुकी हैं आरोपी
दुनिया

शेख हसीना पर हत्या का मुकदमा दर्ज, नरसंहार समेत 12 मामलों में बनाई जा चुकी हैं आरोपी

ढाका । बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री के खिलाफ हत्या का नया मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर आरक्षण में कोटा विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दो कॉलेज छात्रों की मौत को लेकर रविवार को हत्या का मामला दर्ज किया गया। शेख हसीना के खिलाफ दर्ज मुकदमों में यह नया मामला जुड़ गया है।

गौरतलब है कि सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद हसीना को 5 अगस्त को पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था और देश छोड़कर भागना पड़ा था। फिलहाल वह भारत में रह रही हैं। ताजा मामला ढाका के सुत्रापुर इलाके में हिंसा के दौरान दो छात्रों की हत्या को लेकर है, जिसमें हसीना और 12 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। समाचार एजेंसी ने बांग्लादेश की सरकारी बीएसएस एजेंसी के हवाले से बताया है कि कोबी नजरूल सरकारी कॉलेज के छात्र इकराम हुसैन कावसर और शहीद सुहरावर्दी कॉलेज के छात्र उमर फारुक की हत्या पर ढाका मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट टोरिकुल इस्लाम की अदालत में यह मामला दायर किया गया था। पुलिस और अवामी लीग समर्थकों द्वारा अलग-अलग घटनाओं में दोनों छात्रों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वे 19 जुलाई को कोबी नजरूल सरकारी कॉलेज और शहीद सुहरावर्दी कॉलेज के सामने सैकड़ों अन्य लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इससे हसीना के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या बढक़र 12 हो गई है, जिनमें हत्या के नौ, अपहरण का एक और बांग्लादेश में मानवता के खिलाफ अपराध करने और नरसंहार के दो मामले शामिल हैं। हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद देश भर में भडक़ी हिंसा की घटनाओं में 230 से अधिक लोग मारे गए, जुलाई के मध्य में छात्रों द्वारा शुरू किए गए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद से मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई।

मामले के अन्य आरोपियों में अवामी लीग के महासचिव और पूर्व मंत्री ओबैदुल कादर, ढाका साउथ सिटी कॉरपोरेशन के मेयर शेख फजले नूर तपोश, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान, पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद और पूर्व शिक्षा मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी नोफेल शामिल थे। इसके अलावा आईसीटी के पूर्व राज्य मंत्री जुनैद अहमद पलक, ढाका रेंज के उप महानिरीक्षक सैयद नुरुल इस्लाम, पूर्व आईजीपी चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून, पूर्व डीबी प्रमुख हारुनोर रशीद, अतिरिक्त संयुक्त आयुक्त बिप्लब कुमार सरकार और डीएमपी आयुक्त हबीबुर रहमान भी नामित लोगों में शामिल थे। रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में अवामी लीग और उसके प्रमुख संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं सहित 200-250 अन्य अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था।