इटली में दुनिया का पहला एआई समाचार पत्र छापा गया है। बता दें कि, इतालवी अखबार ‘इल फोग्लियो’ ने समाचार पत्र का एआई संस्करण छाप कर इतिहास रचा है। इसके साथ ही अखबार ने ऐसा करने की वजह भी बताई है। जानकारी के मुताबिक, यह प्रयोग एक महीने तक चलेगा और इसका उद्देश्य एआई की सीमाओं और संभावनाओं को समझना है।
कैसे काम कर रहा है यह अनोखा प्रयोग?
जानकारी के अनुसार इल फोग्लियो हर दिन अपनी सामान्य अखबार की कॉपी के साथ चार पन्नों का एआई-संस्करण भी प्रकाशित कर रहा है। इसमें करीब 22 लेख और 3 संपादकीय होते हैं, जो एआई (AI) के जरिए तैयार किए जाते हैं। इसमें अखबार के 20 से अधिक पत्रकार ओपनएआई के चैटजीपीटी टूल्स से लेख लिखवाते हैं। वे एक खास विषय और विशेष लेखन शैली में लेख तैयार करने के लिए निर्देश देते हैं। अगर एआई (AI) के लेख में ज्यादा गलतियां होती हैं, तो नया लेख लिखा जाता है।
एआई समाचार पत्र में कौन-कौन से लेख शामिल?
एआई से छपे समाचार पत्र के लेखों की बात की जाए, तो इसमें इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के भाषणों का विश्लेषण शामिल है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन बातचीत पर एक संपादकीय के साथ-साथ फैशन से जुड़ा एक लेख भी शामिल है। वहीं इसे लेकर इल फोग्लियो के संपादक क्लॉडियो सेरासा ने कहा कि इसका मकसद पत्रकारिता को खत्म करना नहीं, बल्कि उसे नया जीवन देना है। उन्होंने कहा, ‘हम यह देखना चाहते हैं कि एआई क्या कर सकता है, उसकी क्या सीमाएं हैं और पत्रकारिता में इसका कैसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।’
इस प्रयोग से यह साफ हुआ कि एआई (AI) तेजी से और कुशलता से लेख लिख सकता है, लेकिन वह इंसानों की रचनात्मकता और अनोखे दृष्टिकोण की बराबरी नहीं कर सकता। एआई से लिखे लेख अच्छे होते हैं, लेकिन इंसानी लेखों में हमेशा एक अलग तरह की गहराई और रचनात्मकता होती है, जो मशीन नहीं दे सकती। वहीं इल फोग्लियो के पत्रकार इस प्रयोग को लेकर उत्साहित हैं। उन्हें यह एक मजेदार और नया अनुभव लग रहा है। इसके साथ ही दावा किया इस प्रयोग से अखबार की बिक्री 60 फीसदी तक बढ़ गई। जबकि इस नए प्रयोग को लेकर कुछ पाठक चिंतित हैं कि कहीं अखबार पूरी तरह एआई पर निर्भर न हो जाए।
‘एआई का सही दिशा में इस्तेमाल करना जरूरी’
इल फोग्लियो के संपादक क्लॉडियो सेरासा का मानना है कि एआई (AI) को रोकना संभव नहीं है, बल्कि इसे सही दिशा में इस्तेमाल करना जरूरी है। एआई अगर लेखन में मदद कर सकता है, तो पत्रकारों को ऐसे लेखों पर ध्यान देना होगा जो मशीनें नहीं लिख सकतीं। अंत में, यह प्रयोग पत्रकारिता को खत्म करने के बजाय उसे नया और रचनात्मक बनाने का एक प्रयास है।