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बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को आजीवन कारावास, न्यायालय ने फैसले में लिखी चौपाई

जयपुर। राजस्थान में बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सरकारी वकील ललित कुमार शर्मा ने बताया कि न्यायालय ने 15 पेज के फैसले में रामचरित मानस की चौपाई लिखी है। न्यायालय ने फैसले में लिखा पिता द्वारा कुकृत्य करते समय इस मर्यादा को भी भुला दिया गया कि बेटी स्वयं उसकी है।

राजस्थान के कोटा में पॉक्सो न्यायालय ने सात साल की बेटी के साथ एक महीने तक दुष्कर्म करने वाले पिता को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। शनिवार को न्यायाधीश दीपक दुबे ने फैसला सुनाते हुए रामचरित मानस की चौपाई लिखी। सरकारी वकील ललित कुमार शर्मा ने बताया कि न्यायालय ने 15 पेज के फैसले में रामचरित मानस की चौपाई लिखी है। उन्होंने लिखा रामचरित मानस में कलयुग के प्रसंग को बताते हुए काग भुसुंडि ने गरुड़ से कहा-कलकाल बिदाल रिए मनुजा, नहि मानत क्यों अनुजा तनुजा अर्थात कलयुग में मनुष्य बहन-बेटी का भी विचार नहीं करेगा।

यदि पिता को कठांर दंड से दंडित नहीं किया गया तो..

न्यायालय ने फैसले में लिखा, पिता द्वारा कुकृत्य करते समय इस मर्यादा को भी भुला दिया गया कि बेटी स्वयं उसकी है। उसके साथ एक प्रकार का घृणित कृत्य करेगा तो उसकी बेटी को न केवल असहनीय शारीरिक पीड़ा होगी, बल्कि उसे पहुंचने वाली मानसिक पीड़ा को वह जीवन भर नहीं मिटा पाएगी। यदि पिता को कठोर दंड से दंडित नहीं किया गया तो वह पॉक्सो अधिनियम की अपेक्षा के अनुरूप नहीं होगा।

पीड़िता की मां के हौंसले का सम्मान

संभव है कि मासूम बेटियों का बचपन उनका संरक्षण करने वाले हाथों के द्वारा ही कुचला जाता रहेगा। यह न्यायालय मुक्त कंठ से पीड़िता की मां के हौंसले का सम्मान करता है। अत्यंत पिछड़ी जनजाति वर्ग से होने के बाद भी उसने अपनी मासूम की पीड़ा को न केवल समझा, बल्कि तत्काल विरोध किया। कानूनी कार्रवाई कर अपने पति को दंड दिलाने में सहायता की। यह उदाहरण समाज के लिए प्रकाश स्तंभ की भांति संदेश देता है कि अन्याय करने वाला कोई भी क्यों ना हो उसे सजा जरूरी दिलाना चाहिए।

यह है मामला

दो अगस्त, 2021 को एक मां ने बारां पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी थी कि उसके पति ने जुलाई महीने में उसकी सात साल की बेटी के साथ दुष्कर्म किया है। पीड़िता की मां ने शिकायत में लिखा कि आरोपित पति उसके एवं बच्चों के साथ मारपीट भी करता है। पुलिस ने देवली मांझी पुलिस थाने में दुष्कर्म एवं पाक्सो काननू की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच की थी। आरोपित के खिलाफ 25 अक्टूबर, 2022 को न्यायालय में चालान पेश किया था। न्यायालय में 15 गवाहों के बयान करवाए गए। न्यायालय ने पीड़ित प्रतिक्रम योजना के तहत पीड़िता को 10 लाख रुपये दिलाने की अनुशंसा की है।

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