जयपुर। राजस्थान में गैंगस्टर कुलदीप जघीना की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस की टीम गैंगस्टर कुलदीप को जयपुर से भरतपुर कोर्ट लेकर आ रही थी। इसी दौरान बदमाशों ने उस पर हमला कर दिया। हमले में कई गोलियां लगने से गैंगस्टर कुलदीप की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि बदमाशों ने पहले पुलिस कर्मियों की आंखों में मिर्ची झोंकी और फिर गोली मारकर फरार हो गए। बतादें कि भाजपा नेता कृपाल सिंह जगीना हत्याकांड में गैंगस्टर कुलदीप सिंह जगीना को गिरफ्तार किया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार जयपुर पुलिस की टीम गैंगस्टर कुलदीप सिंह जघीना को सरकारी बस से भरतपुर ले जा रही थी। भरतपुर के अमोली टोल प्लाजा के पास बदमाशों ने जघीना पर फायरिंग कर दी। बदमाशों ने करीब 8-10 राउंड फायरिंग की। इस दौरान गोली लगने से जघीना की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस की टीम ने गैंगस्टर जघीना के शव को अस्पताल पहुंचाया। वहीं, घटना की सूचना पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
जल्द होगी आरोपियों की गिरफ्तारी
गैंगस्टर कुलदीप की हत्या को लेकर महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा ने भरतपुर एसपी मृदुल कछावा से घटना की जानकारी ली। उन्होंने एसपी कछावा को अपराधियों की जल्द पकड़ने के निर्देश दिए हैं। एसपी ने बताया कि कुलदीप सिंह जघीना की हत्या करने वाले आरोपियों की पहचान कर ली गई है। जल्द उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
बता दें कि पिछले दिनों हुए भाजपा नेता कृपाल सिंह जघीना हत्याकांड के मामले में महाराष्ट्र की कोल्हापुर पुलिस के सहयोग से भरतपुर पुलिस ने गोवा पहुंचने से कुछ घंटे पहले कुलदीप सिंह जघीना समेत 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। इनमें गैंगस्टर कुलदीप सिंह उर्फ गौरु पुत्र कुंवर जीत (28), प्रभाव सिंह उर्फ भोला पुत्र महावीर सिंह (22) एवं राहुल जाट पुत्र परमवीर सिंह (28) निवासी जघीना थाना उद्योग नगर, विश्वेंद्र सिंह पुत्र विजेंद्र सिंह (28) निवासी गांव पाली थाना हेलेना हाल शास्त्री नगर थाना मथुरा गेट और विजय पाल सिंह उर्फ भूरा पुत्र वीरेंद्र सिंह (28) निवासी नगला खंगर उवार थाना उद्योग नगर शामिल हैं।
जमीनी विवाद और वर्चस्व की लड़ाई
भरतपुर शहर में काली बगीची शीशम रोड पर स्थित बड़े भूखंड पर विवाद चल रहा था। इस भूखंड का सेटलमेंट कर जमीन से जुड़े सभी लोगों को निकालकर कुलदीप सिंह जघीना बेशकीमती जमीन को खरीद कर करोड़ों का सौदा कर पैसा कमाना चाहता था। कृपाल सिंह और उसके साथियों ने इस जमीन पर न्यायालय से स्टे प्राप्त कर लिया था, जिसे लेकर दोनों गुटों में ठनी हुई थी। इस बात को लेकर कुलदीप और उसके साथियों ने कृपाल की गाड़ी को रोककर उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी थी।