जयपुर। राजस्थान पुलिस के एक सहायक उपनिरीक्षक और तीन कांस्टेबलों को दौसा जिले में तीन लोगों से कथित तौर पर डेढ़ लाख रुपये की जबरन वसूली करने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद बुधवार को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। कोतवाली थाना प्रभारी (एसएचओ) हीरालाल सैनी ने कहा कि तीनों लोग पुरानी कारें खरीदने और बेचने का कारोबार करते थे और उनमें से एक ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक (एसपी) से मुलाकात की थी।
एसपी वंदिता राणा ने कहा कि चार पुलिस कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। अधिकारी ने कहा, उन्हें दौसा के कोतवाली पुलिस स्टेशन में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था। एसएचओ ने कहा कि सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) विनय कुमार और कांस्टेबल राजेश, सुरेश और शिवचरण दौसा में महिला थाने में तैनात थे।
सैनी ने कहा, उन्होंने सोमवार रात एक वाहन की जांच की थी, जिसमें तीन लोग एक पुरानी कार खरीदने के लिए सीकर से आगरा जा रहे थे। उन्होंने बताया कि वे अपने साथ पांच लाख रुपये ले जा रहे थे। सैनी ने कहा, एएसआई और तीन कांस्टेबलों ने वाहन की जांच की और नकदी के बारे में जानकारी मांगी। उन्होंने तीन लोगों से 1.5 लाख रुपये ले लिए और उन्हें जाने दिया।
पीड़ितों में से एक ने एसपी से मुलाकात की और घटना के बारे में बताया जिसके बाद एक प्राथमिकी दर्ज की गई और शाम को उन्हें (पुलिस कर्मियों को) गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों पर लगे आरोप सही पाए गए। सैनी ने कहा कि अगर नकदी बेहिसाब थी तो पुलिस कर्मियों को उसे जब्त कर लेना चाहिए था।