जांजगीर-चांपा। नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी मनमोहन सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ धारा 420 भादवि के तहत कार्यवाही करते हुए उसे न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है।
पूरा मामला वर्ष 2019 का है। जब छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मी और प्रयोगशाला सहायक पदों के लिए वैकेंसी निकली थी। बालको नगर की निवासी सुलोचना बंजारे ने इस वैकेंसी के लिए आवेदन किया था। सुलोचना का अपने रिश्तेदार के माध्यम से जांजगीर निवासी मनमोहन सिंह से संपर्क हुआ, जिसने उन्हें नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया। आरोपी ने बताया कि नौकरी पाने के लिए लगभग 5-6 लाख रुपये की आवश्यकता होगी। उसने सुलोचना को एडवांस रकम देने के लिए जांजगीर बुलाया।
कैसे हुई धोखाधड़ी?
14 अक्टूबर 2019 को सुलोचना के पति और उनके चाचा ने जांजगीर में मनमोहन सिंह के घर पर 1,50,000 रुपये नकद एडवांस के रूप में दिए। इसी दिन बालको निवासी कृष्णा कश्यप ने भी नौकरी दिलाने के नाम पर आरोपी को 1,50,000 रुपये दिए। 15 अक्टूबर 2019 को जब वैकेंसी का रिजल्ट आया, तो सुलोचना को यह महसूस हुआ कि उसके चयन की संभावना कम है। जब उसने पैसे वापस मांगने का प्रयास किया, तो आरोपी मनमोहन सिंह ने टालमटोल करना शुरू कर दिया।
सुलोचना की शिकायत पर जांजगीर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपराध क्रमांक 854/24 के तहत धारा 420 भादवि में मामला दर्ज किया। पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला के निर्देशन में आरोपी को उसके निवास स्थान से घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में मनमोहन सिंह ने नौकरी दिलाने के नाम पर रकम लेने और कुछ रकम फोन के माध्यम से लौटाने की बात स्वीकार किया है।
इस मामले में थाना प्रभारी निरीक्षक प्रवीण कुमार द्विवेदी, प्रधान आरक्षक राजकुमार चंद्रा, आरक्षक दिलीप सिंह, और वीरेंद्र भैना का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनके प्रयासों से इस धोखाधड़ी के मामले में आरोपी को पकड़ा गया और उसे कानून के सामने प्रस्तुत किया गया। आरोपी को न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेज दिया गया है और आगे की जांच जारी है।