कोरबा/बांगो। आखिरकार पुलिस ने बांगो थाना में पदस्थ एएसआई नरेन्द्र सिंह परिहार के ब्लाईंड मर्डर केस की गुत्थी सुलझा ली है। विगत 9 से 10 मार्च की दरम्यानी रात को सहायक उप निरीक्षक नरेन्द्र सिंह परिहार की मर्डर होने से थाना प्रभारी बांगो द्वारा जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकरियों को घटना के संबंध में जानकारी दी थी।। इसके बाद पुलिस अधीक्षक उदय किरण, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कटघोरा ईश्वर त्रिवेदी फोरेंसिक टीम, डॉग स्क्वायड, सायबर सेल के टीम घटना स्थल पर पहुंचे। घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण कर पुलिस अधीक्षक उदय किरण ने आवश्यक दिशा निर्देश दिये।पुलिस महानिरीक्षक बी एन मीना बिलासपुर रेंज द्वारा घटना स्थल निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
प्रकरण में थाना बांगो में अपराध क्रमांक 46/2023 धारा 458, 302 भादवि के तहत प्रकरण दर्ज कर पुलिस अधीक्षक कोरबा द्वारा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के नेतृत्व में जल्द से जल्द अज्ञात आरोपी को पकड़ने टीम गठित किये। अज्ञात आरोपी की पतासाजी हेतु एफएसएल टीम, डॉग स्क्वायड कोरबा एवं बिलासपुर की सयुंक्त सायबर टीम को घटना स्थल का निरीक्षण कर अपने-अपने काम में लग गई। मामले में अज्ञात आरोपी की पतासाजी हेतु पुलिस टीम विभिन्न पहलुओं पर बारीकी से अनुसंधान कर रही थी। सयुंक्त सायबर टीम मामले की बारीकी से जांच कर रही थी। साइबर टीम द्वारा घटना का समय जो रात्रि 12 बजे से सुबह 6.30 बजे के बीच का होने से उस समय का तकनीकी विश्लेषण किया जा रहा था जिसमें विश्लेषण के आधार पर संदेही करण गिरी को अडेंटिफाई किया गया। संदेही करण गिरी को तलब कर पूछताछ किया गया तो पहले घटना को अंजाम देने से इंकार करता रहा फिर कड़ी पूछताछ करने पर आरोपी द्वारा घटना को अंजाम देना स्वीकार किया। पुलिस ने आरोपी करन गिरी पिता राजकुमार गिरी उम्र 25 वर्ष साकिन ठिहाईपारा बावापारा कोनकोना थाना बांगो को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
0 इसलिए दिया घटना को अंजाम
आरोपी ने पुलिस को बताया कि मृतक सउनि नरेन्द्र सिंह परिहार के द्वारा माह दिसम्बर में शराब प्रकरण में जेल भेज दिया था जो करीबन 15-20 दिन जेल में रहना बताया। 8 मार्च को होली त्योहार पर मोहल्ला में डीजे बजाकर त्योहार मना रहे थे तभी थाना से मृतक सउनि नरेन्द्र सिंह परिहार आकर रात्रि 9.30 बजे डीजे बंद कराकर डीजे थाना ले गया और दूसरे दिन 9 मार्च को रात्रि 9.30 बजे तक पुलिस वाले डीजे बजाकर होली मना रहे थे, जिसमें परिहार साहब भी शामिल थे, जिसे देखकर आक्रोशित होकर उसी रात मर्डर करने की ठान ली। पुलिस वालों का आना जाना बंद हो जाने के बाद, सुनसान पाकर परिहार के कमरा का दरवाजा खटखटाया जैसे ही एएसआई ने दरवाजा खोला तो मुझे ढंग से होली नहीं मनाने दिये और जेल भेज दिये कहते हुए टांगी से ताबड़तोड़ हमला कर मौत के घाट उतार दिया और वहां से फरार हो गया। घटना के बाद नदी के पास झाड़ी में टंगिया को छिपा दिया, जिसे आरोपी के निशानदेही पर जप्त कर लिया गया है।