रायपुर. वाणिज्य, उद्योग एवं श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन आज कोरबा स्थित कमला नेहरू महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव समारोह में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अभी मेरी उम्र 60 वर्ष है पर जब कमला नेहरु महाविद्यालय खुला था, तब मैं आठ साल का था। हम चारपारा में रहते थे और नदी पर पुल भी नहीं बना था। गर्मी का मौसम आने पर उस पार के लोगों के लिए कोरबा शहर आने-जाने रपटा बनता था। तब के दौर में ऐतिहासिक रानी महल और जिले के पहले कॉलेज को सिर्फ देखने की ललक में हम लोग नाव से नदी पारकर आते थे। भले ही संख्या कम हो गई, हो पर क्षेत्र के ग्रामीण व शहरी बच्चों की उच्च शिक्षा की राह प्रशस्त करने में कमला नेहरु कॉलेज दशकों से महत्वपूर्ण योगदान अर्पित कर रहा है। समाज को उच्च शिक्षित युवाओं की भेंट दे रही इस संस्था को बेहतर पायेदान पर ले जाने में उचित योगदान अर्पित कर सकूं, इस दिशा में शत-प्रतिशत प्रयास करुंगा।
इस आशय के उद्गार आज सोमवार को आयोजित कमला नेहरु महाविद्यालय कोरबा के वार्षिकोत्सव समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से प्रदेश के वाणिज्य, उद्योग व श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहीं। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर हुआ। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना और छत्तीसगढ़ के राजकीय अरपा-पैरी के धार की सुमधुर प्रस्तुति दी। संगीतमय स्वागत गीत के मध्य कमला नेहरु महाविद्यालय समिति के अध्यक्ष किशोर शर्मा ने मुख्य अतिथि श्री देवांगन का पुष्पगुच्छ और तुलसी का पौधा भेंटकर स्वागत-अभिनंदन किया। उनके अतिरिक्त समिति के उपाध्यक्ष डॉ आरसी पांडेय, सचिव सुरेंद्र लाम्बा, सहसचिव उमेश लाम्बा व प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर ने भी गुलदस्ता भेंटकर मुख्य अतिथि का आत्मीय स्वागत किया। कोहड़िया के पार्षद श्री नरेंद्र देवांगन, श्री प्रफुल्ल तिवारी, पार्षद श्रीमती धनश्री साहू, श्री परविंदर सिंह, श्री नरेंद्र पाटनवार, राधे यादव का आत्मीय स्वागत किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय समिति के सदस्य व बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनीष शर्मा, नानजीभाई पटेल, लोकेश्वर सिंह तोमर, जसराज जैन, घनश्याम बोंदिया, डॉ जेपी चंद्रा, अरविंद साहू, रमेश जायसवाल उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाविद्यालय समिति के अध्यक्ष किशोर शर्मा ने कहा कि वर्ष 1971 से प्रारंभ होकर कमला नेहरु कॉलेज ने समाज के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जो योगदान दिया है, वह अपने आप में ऐतिहासिक है। उन्होंने 52 वर्षों का इतिहास समेटे इस ऐतिहासिक प्रांगण में आतिथ्य स्वीकार करने पर श्री देवांगन का आभार जताया। प्राध्यापकों की ओर से उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों से उबरने-संभलने महाविद्यालय को शासकीयकरण किए जाने की मांग कैबिनेट मंत्री के समक्ष रखी। कमला नेहरु कॉलेज को न केवल जिले के पहले महाविद्यालय होने का गौरव प्राप्त है, इस प्रांगण से पढ़कर निकले युवा प्रदेश और देश की सेवा कर रहे हैं। कोरबा को गौरवान्वित कर रहे हैं और कई सेवानिवृत्त भी हो गए।