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कोरबा

छत का प्लास्टर गिरा, बाल-बाल बचा एसईसीएल कर्मी व उसका परिवार

कोरबा। जिले के खदानों में किए जा रहे हैवी ब्लास्टिंग से खदानों के समीप रहने वाले लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। वे घर में रहते हुए भी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। वर्षों पुराने हो चुके जर्जर मकानों के मरम्मतीकरण पर भी एसईसीएल प्रबंधन का ध्यान नहीं है।

कुसमुंडा क्षेत्र में जीएम ऑफिस के सामने बने रेस्क्यू कॉलोनी के क्वार्टर नंबर आरएम-11 में निवासरत कुसमुंडा खदान में पदस्थ सीनियर डंपर ऑपरेटर निरंजन सिंह का परिवार बेहद डरा हुआ है। बीती रात निरंजन सिंह व उसका परिवार सोने की तैयारी में लगे थे। इसी दौरान उनकी बेटी ने उन्हें छत से कुछ रेत जैसा मलबा गिरने की बात कही। इस पर निरंजन ने छत की ओर जैसे ही नजर डाला तो उसके होश उड़ गए। सभी सदस्य को तुरंत बिस्तर से उठ जाने को कहा। कुछ ही देर में छत का प्लास्टर भरभरा कर बिस्तर पर गिर गया। समय रहते यह उचित कदम निरंजन ने नहीं उठाया होता तो कोई बड़ा हादसा होना तय था। सुखद रहा कि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।

0 जर्जर हो चुके हैं मकान
निरंजन सिंह ने बताया कि कॉलोनी के क्वार्टर बेहद जर्जर हो चुके हैं। कुछ वर्ष पूर्व घर के छत की मरम्मत भी की गई थी, लेकिन इस प्रकार की घटना से ऐसा मालूम पड़ता है कि मरम्मत कार्य भी सही तरीके से नहीं हुई है। छत के बाहरी हिस्से में तारपॉलिन का काम किया गया है जो सही ढंग से नहीं हुआ है। इस वजह से छत पर भी पानी जमा हो रहा है और सीपेज की वजह से छत का प्लास्टर भरभराकर गिर रहा है।