कोरबा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रवास के दौरान 13 हजार 356 करोड़ के विकास कार्यो का भूमिपूजन एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कोरबा, ऊर्जा की राजधानी है। प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने वर्ष 1957 में यहां बिजली प्लांट की शुरूआत की थी।
उन्होंने जिलेवासियों को अब तक के सबसे बड़े 1320 मेगावाट के पावर प्लांट के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। श्री बघेल ने कहा कि संयंत्र स्थापित करने के लिए पर्यावरण अनुमति और कोयला की अनुमति मिल चुकी है। सारी प्रक्रिया बहुत तेज हुई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2028 तक इसे शुरू कर लेंगे ऐसा विश्वास है। श्री बघेल ने कहा कि बिजली की खपत प्रति व्यक्ति सबसे ऊपर है, देश में सबसे ज्यादा है। 42 लाख परिवार को आधा रेट में 400 यूनिट तक बिजली दे रहे हैं। प्रदेश सरकार ने किसानों को 12357 करोड़ की सब्सिडी उपलब्ध कराई है। बिजली विभाग इस मामले में लगातार समर्पित है। अब बिजली उत्पादन बढ़कर 4300 मेगावाट हो जाएगी। साथ ही हम सोलर उर्जा पर भी काम कर रहे हैं, पन बिजली पर भी काम कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने सभा को संबोधित प्रदेश में विकास के कार्य पूरे हो रहे है। संवेदनशील मुख्यमंत्री ने छतीसगढ़ को संभाले रखा है। दिल्ली वालों से मणिपुर नहीं संभल रहा है। उन्होंने कहा कि आज पॉवर प्लांट का भूमिपूजन हुआ है। क्रिटिकल पॉवर प्लांट से प्रदूषण कम होगा और बिजली मिलेगी। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में कोयले से बिजली नहीं बल्कि पानी से बिजली बनाई जाएगी और छतीसगढ़ में पांच ऐसी पन बिजली परियोजनाएं बनाने की योजना है।