कोरबा । जिले में संचालित आश्रम, छात्रावास अधीक्षक, अधीक्षिकाओं की बैठक लेते हुए कलेक्टर अजीत वसंत ने शासन से प्रदत्त सुविधाओं को सभी छात्रावास, आश्रमों में अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने अधीक्षक-अधीक्षिकाओं से कहा कि आपका काम सिर्फ हास्टल का संचालन करना नहीं है अपितु विद्यार्थियों का बेहतर भविष्य बनाना भी आपकी जिम्मेदारी है। शासन द्वारा आश्रम-छात्रावासों के माध्यम से उनकी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरी की जा रही है। अधीक्षक-अधीक्षिकाओं को भी चाहिए कि वे अपने हास्टल में रहने वाले विद्यार्थियों को अध्यापन सहित अन्य गतिविधियों में जोड़ें और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। कलेक्टर ने स्कूल से लौटने के पश्चात विद्यार्थियों की गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश भी दिए।
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अधीक्षक, अधीक्षिकाओं की बैठक लेते हुए कलेक्टर श्री वसंत ने जिले के सभी आश्रम, छात्रावासों को सुव्यवस्थित रखने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी छात्रावास, आश्रमों का औचक निरीक्षण की बात कही। कलेक्टर ने छात्रावास, आश्रमों के बच्चों के प्रति सभी को संवेदनशील होने की बात कहते हुए कहा कि दूरस्थ अंचलों से आकर पढ़ाई करने वाले बच्चों की पूरी तरह से देखभाल और सुरक्षा का दायित्व पहला कर्तव्य अधीक्षक-अधीक्षिकाओं का होना चाहिये। सिर्फ सामग्री वितरण और अपनी उपस्थिति दर्ज कराना ही पर्याप्त नहीं है, एक माता-पिता की भूमिका निभाते हुए बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक बनाते हुए उन्हें एक बेहतर इंसान बनाना भी सभी अधीक्षकों का दायित्व होना चाहिए।
कलेक्टर ने बच्चों के सभी गतिविधियों पर नजर रखने, आश्रम, छात्रावास में साफ-सफाई, बीमारी से रोकथाम के उपाय करने, स्वास्थ्य जांच कराने, वर्तमान संदर्भ में अतिरिक्त रूचि के साथ नवाचार विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कन्या आश्रम, छात्रावास में बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं देने, मीनू के आधार पर भोजन का वितरण करने और गुणवत्तायुक्त भोजन प्रदान करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने जिले में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने इस वर्ष तिमाही एवं छःमाही परीक्षा केंद्रीयकृत पद्धत्ति से कराने की जानकारी देते हुए कहा कि हास्टल के विद्यार्थियों को अपने स्तर पर परीक्षा की तैयारी सुनिश्चित करायें। विद्यार्थियों की तैयारी का स्तर ऐसा हो कि वे बोर्ड परीक्षाओं में मेरिट में स्थान बना सकें। हास्टल मे ंपढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों का शैक्षणिक और बौद्धिक विकास बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए।
उन्होंने प्रतिभावान विद्यार्थियों को जिला प्रशासन द्वारा नीट और जेईई की कोचिंग कराये जाने की जानकारी देते हुए कहा कि उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का बेहतर भविष्य बनाने आर्थिक समस्या नहीं आने दी जायेगी। इसलिए अधीक्षक-अधीक्षिकाएं समर्पित होकर विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए प्रेरित करें। कलेक्टर ने सहायक आयुक्त को आश्रम-छात्रावासों में पेयजल, प्रकाश व्यवस्था, भवन की कमी, सुरक्षा व्यवस्था, सीसीटीवी से जुड़ी समस्याओं को दूर करने जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने सुदूरवर्ती क्षेत्रों के आश्रम-छात्रावासों में सौर उर्जा लगाने, सीसीटीवी लगाने के संबंध में निर्देश दिए। कलेक्टर ने हास्टल में रहने वाले सभी विद्यार्थियों का आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड शत प्रतिशत बनाने में सहयोग करने तथा सिकलसेल जॉंच कराने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने सभी महिला आश्रम, छात्रावासों में सुरक्षा के पर्याप्त माहौल विकसित करने, विद्यार्थियों का नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण कराने और आश्रम-छात्रावासों का नियमित रूप से निरीक्षण करते हुए शासन की योजनाओं का लाभ अनिवार्य रूप से दिलाने के निर्देश दिए।
बैठक में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री श्रीकान्त कसेर सहित छात्रावास अधीक्षक, अधीक्षिकाएं उपस्थित थीं।
बैठक में सहायक आयुक्त ने जिले में संचालित आश्रम-छात्रावास के संबंध में जानकारी दी। कलेक्टर ने छात्रावासों की समस्याओं को दूर करने की बात कही। उन्होंने ऐसे आश्रम-छात्रावासों की जानकारी कारण सहित प्रस्तुत करने के निर्देश दिए जहां अधीक्षक-अधीक्षिकाएं निवास नहीं करती हैं। कलेक्टर ने आवास विहीन छात्रावासों में आवास निर्माण करने प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने भवन विहीन आश्रम-छात्रवासों की जानकारी भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने छात्रावासों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से स्थानीय युवतियों को सुरक्षा गार्ड के रूप में रखने की बात कहते हुए इस दिशा में विभाग के माध्यम से मार्गदर्शन प्राप्त करने के निर्देश दिए।