कोरबा। कलेक्टर अजीत वसंत ने आज कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माण कार्यों को निश्चित समय सीमा में पूर्ण किया जाए। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि खनिज न्यास मद से स्वीकृत नए स्कूल भवन का निर्माण हर हाल में अप्रैल 2025 के तक पूर्ण कर लिए जाएं, ताकि नए सत्र नए विद्यालयों में प्रारंभ हों। निर्माण कार्यों को पूर्ण कराने के साथ ही हैंड ओवर करने की भी जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों की है।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि किसी भी कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति के दो माह के भीतर अनुबंध कर लिए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि गर्ल्स हॉस्टल, दिव्यांग विद्यालय के निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करा लिए जायें। इसके साथ ही विद्यालयों में अतिरिक्त भवन निर्माण मरम्मत आदि के कार्य भी निश्चित समय सीमा में पूर्ण करा दिए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि दिव्यांग विद्यालय भवन, स्कूल, आश्रम छात्रावास, वृद्धाश्रम आदि वंचित वर्गों के लिए किए जाने वाले निर्माण कार्यों को ध्यान में रखकर प्राथमिकता से पूर्ण कराए जाएं। उन्होंने विभागों को निर्देश दिए कि जिले में खनिज न्यास के निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के लिए विशेष प्रयास करें।
ट्रांजिट हॉस्टल, आवास और विद्यालयों के निर्माण कार्य निश्चित समय सीमा में पूर्ण किए जाएं। गृह निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया कि कन्वेंशन सेंटर को शीघ्र पूर्ण करके हैंड ओवर करें। कलेक्टर ने नगर निगम आयुक्त को निर्देशित किया कि पीजी कॉलेज का निर्माण कार्य, जिला चिकित्सालय, अशोक वाटिका तथा एनसीडीसी के निर्माण कार्य निश्चित समय सीमा में पूर्ण कर लिए जाएं। ईई जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया गया कि व्यपवर्तन, जलाशय एवं नहर निर्माण के कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिए जाएं।
उन्होंने निर्देश दिए नगरीय निकाय के क्षेत्रों में जनहित कार्य जैसे सामुदायिक भवन, स्ट्रीट लाइट, पार्क निर्माण आदि के निर्माण कार्य एसडीएम एवं नगरीय निकाय की टीम से चर्चा करके प्रस्तावित करें। ईई आरइएस को निर्देश दिया गया है कि गांव में स्वीकृत नए स्कूल भवनों का निर्माण कार्य अप्रैल 2025 तक हर हाल में पूर्ण कर लिए जाएं ताकि नए शिक्षण सत्र सुचारू रूप से संचालित हो सके।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ दिनेश कुमार नाग, नगर निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय, डिप्टी कलेक्टर गौतम सिंह सहित ईआरईएस पीडब्ल्यूडी, सेतु विभाग, हाउसिंग बोर्ड, आदिवासी विकास विभाग, जल संसाधन विभाग व नगरीय निकाय के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।