कोरबा। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य में ’सुशासन तिहार – 2025’ के आयोजन का ऐलान किया है। सुशासन तिहार के माध्यम से आम नागरिकों की समस्याओं, शिकायतों का समाधान करने आवेदन प्राप्त किये जायेंगे। जो शासन की पारदर्शिता, जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान को सुनिश्चित करेगा। इस संबंध में आज प्रभारी कलेक्टर आशुतोष पाण्डेय और जिला पंचायत सीईओ दिनेश कुमार नाग ने सभी नोडल और सहायक नोडल अधिकारियों की बैठक ली।
उन्होंने शासन के दिशा निर्देशानुसार आवश्यक तैयारी के निर्देश दिए। प्रभारी कलेक्टर ने समाधान पेटी में प्राप्त आवेदन, ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों को संधारण करने और निर्धारित समय तक लोगों से आवेदन प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने सुशासन तिहार का व्यापक प्रचार-प्रसार करने, ग्राम पंचायतों, वार्डो में मुनादी कराने के निर्देश दिए। उन्होंने गर्मी के मौसम को देखते हुए शिविर स्थल पर पानी तथा मेडिकल किट की व्यवस्था के निर्देश भी दिए।
सुशासन तिहार-2025 का पहला चरण 08 से 11 अप्रैल 2025 तक होगा, जिसमें आम जनता से उनकी समस्याओं के आवेदन प्रातः 10 बजे से शाम 5 बजे तक प्राप्त किए जाएंगे। यह आवेदन ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में समाधान पेटी के माध्यम से प्राप्त होंगे। ऑनलाइन आवेदन की भी व्यवस्था की जाएगी और आवेदनकर्ताओं को पावती दी जाएगी। आवेदन प्राप्त होने के बाद, संबंधित अधिकारियों द्वारा इन्हें एक माह के भीतर निराकृत किया जाएगा। अधिकारियों को समय सीमा के भीतर इनका समाधान सुनिश्चित करना होगा। आवेदन के निराकरण की गुणवत्ता की समीक्षा राज्य और जिला स्तर पर की जाएगी।
समाधान शिविरों का आयोजन 05 मई से 31 मई 2025 तक किया जाएगा। इन शिविरों में आवेदकों को उनके आवेदनों की स्थिति के बारे में जानकारी दी जाएगी और जहां संभव होगा, वहीं समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाएगा। शिविर में स्थानीय सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। वे तिहार के प्रत्येक चरण में शामिल होंगे और जनता से सीधे संवाद करेंगे।
मुख्यमंत्री और राज्य के अधिकारी भी विकास कार्यों का औचक निरीक्षण करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजनाओं का क्रियान्वयन सह तरीके से हो रहा है और लोगों को उनका लाभ मिल रहा है। कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत ने संबंधित एसडीएम को नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए जिला पंचायत सीईओ, मुख्य नगर पालिका अधिकारियों, तहसीलदारों, राजस्व विभाग, सहित अन्य सभी विभागों के जिला अधिकारियों से कहा है कि ’सुशासन तिहार 2025’ के आयोजन के लिए सभी आवश्यक तैयारियां शुरू की जाएं ताकि सरकार की मंशानुरूप यह महत्वपूर्ण कार्य हो सकें।
इस हेतु सभी ग्राम पंचायतो एवं नगरीय निकायों के जोन कार्यालयों और वार्डवार में आमजनों से आवेदन लिए जाएंगे। सुशासन तिहार अन्तर्गत समाधान पेटी के माध्यम से आवेदन प्राप्त करने और अन्य व्यवस्थाओं हेतु कलेक्टर के निर्देशन में सभी विकासखंडों एवं नगरीय निकायों हेतु नोडल व सहायक नोडल की नियुक्ति की गई है। जिसके अंतर्गत कोरबा विकासखण्ड हेतु एसडीएम कोरबा सरोज महिलांगे को नोडल, व जनपद सीईओ कोरबा श्रीमती कौशम्बी गभेल को सहायक नोडल नियुक्त किया गया है।
इसी प्रकार करतला विकासखंड हेतु एसडीएम कोरबा सरोज महिलांगे को नोडल व जनपद सीईओ करतला मोहनीश देवांगन को सहायक नोडल, कटघोरा विकासखंड हेतु एसडीएम कटघोरा रोहित सिंह को नोडल व जनपद सीईओ कटघोरा यशपाल सिंह को सहायक नोडल, पाली विकासखंड हेतु एसडीएम पाली श्रीमती सीमा पात्रे को नोडल व जनपद सीईओ पाली भूपेन्द्र सोनवानी को सहायक नोडल और पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड हेतु एसडीएम तुलाराम भारद्वाज को नोडल अधिकारी और जनपद सीईओ जयप्रकाश डडसेना को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
नगरीय क्षेत्रों अन्तर्गत नगर निगम कोरबा हेतु अपर आयुक्त विनय मिश्रा को नोडल व उपायुक्त पवन वर्मा को सहायक नोडल, नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा हेतु एसडीएम रोहित सिंह को नोडल व सीएमओ सुश्री ज्योत्सना टोप्पो को सहायक नोडल, नगर पालिका परिषद कटघोरा हेतु एसडीएम रोहित सिंह को नोडल व सीएमओ ज्ञानपुंज कुलमित्र को सहायक नोडल, नगर पालिका परिषद दीपका हेतु एसडीएम रोहित सिंह को नोडल व सीएमओ राजेश गुप्ता को सहायक नोडल, नगर पंचायत छुरी कला हेतु एसडीएम रोहित सिंह को नोडल व सीएमओ दीपांकर यादव को सहायक नोडल एवं नगर पंचायत पाली हेतु एसडीएम श्रीमती सीमा पात्रे को नोडल व सीएमओ पूर्णेन्द्र तिवारी को सहायक नोडल बनाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में सुशासन तिहार की निगरानी हेतु क्लस्टर तैयार कर अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी निर्धारित की गई है।
मुख्यमंत्री ने की आम लोगों से अपील- मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे इस आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लें, ताकि ’सुशासन तिहार-2025’ सफल हो सके और प्रदेश में सुशासन की स्थापना की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण साबित हो सके।