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कोरबा छत्तीसगढ़

अवैध उत्खनन व परिवहन पर हो सकती है 5 वर्ष तक की सजा, मार्गों को किया गया अवरुद्ध

कोरबा ।  जिला खनिज अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार विशेष सचिव छत्तीसगढ़ शासन खनिज साधन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 7-7 / 2004 XII नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 06.09.2023 के तहत प्रदेश में रेत एवं अन्य खनिजो के अवैध उत्खनन / परिवहन / भंडारण पर माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ बिलासपुर के समक्ष दायर याचिका क्रमांक WP (PIL) No 66 /2023 तथा याचिका क्रमांक WP(PIL) No 21/2023 में पारित अंतरिम आदेश दिनांक 04.08.2023 एवं 23.08.2023 के अनुसार प्रभावी रोकथाम किये जाने हेतु महत्वपूर्ण निर्देश जारी किये गये है।

जिला कार्यालय खनिज शाखा कोरबा द्वारा रेत एवं अन्य खनिजो के अवैध उत्खनन / परिवहन / भंडारण पर लगातार प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। जिले में अवैध उत्खनन प्रभावित एवं संवेदनशील क्षेत्रो का चिन्हांकन किया गया है। भिलाईखुर्द, मोतीसागर, बरमपुर एवं राताखार में अवैध उत्खनन / परिवहन हेतु प्रयुक्त होने वाले मार्गों को अवरूध्द किया गया है। जिले में अवैध उत्खनन / परिवहन प्रभावित एवं संवेदनशील क्षेत्रो (भिलाईखुर्द, मोतीसागर, बरमपुर, राताखार, भैसामुड़ा, तरदा, कसरेंगा एवं कुचैना) में नोटिस बोर्ड स्थापित किया गया है जिसमें खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 1957 के तहत अवैध उत्खनन / परिवहन किये जाने पर 2 से 5 वर्ष का कारावास की सजा हो सकती है का उल्लेख किया गया है। खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 21 (1) एवं 21 (2) के प्रावधानों का मुनादी के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार हेतु सर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं आयुक्त नगर निगम कोरबा को पत्र जारी किया गया है। खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 21 (1) एवं 21 (2) के तहत निर्धारित अधिकतम दंड जैसे 5 वर्ष / 2 वर्ष एवं अर्थदंड रूपये 5 लाख एवं प्रत्येक दिन के लिए अर्थदंड रूपये 50,000 / – प्रावधानित है। विगत वर्षो में अवैध उत्खनन / परिवहन / भंडारण में संलिप्त एवं आदतन व्यक्तियों के द्वारा पुनः अवैध उत्खनन / परिवहन / भंडारण किये जाने पर प्रकरण धारा 22 के अनुसार माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।