कोरबा। सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति दर्ज करने के लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है। अब थंब इंप्रेशन के बजाय फेस रीडिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे उपस्थिति की सटीकता बढ़ेगी और अनियमितताओं पर रोक लगेगी।
पहले थंब इंप्रेशन सिस्टम में कई शिकायतें सामने आ रही थी, जिसके कारण प्रबंधन ने इसे बदलने का फैसला किया। नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) की गाइडलाइंस के अनुसार, फेस रीडिंग सिस्टम लागू किया जाएगा। जिला मेडिकल कॉलेज के डीन कमल किशोर सहारे ने बताया कि फेस रीडिंग मशीन जल्द खरीदी जाएगी और इससे व्यवस्था में सुधार होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर कोरबा में मेडिकल कॉलेज स्थापित हुआ, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। नक्टिखार क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज के नए भवन का निर्माण तेजी से चल रहा है, जिससे भविष्य में और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। इस सुधार से कोरबा के साथ-साथ आसपास के जिलों के मरीजों को भी लाभ होगा।