कोरबा. प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने एसईसीएल कोरबा एरिया के अस्पताल व कॉलोनियों का दौरा किया. मंत्री ने गली कूचों का दौरा किया, यहां मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं का जायजा लियाम इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ एसईसीएल के अधिकारी भी मौजूद रहे ल। मंत्री के दौरे के दौरान ही कालोनियों में अव्यवस्था की बातें सामने आई। लोगों ने शिकायत कर कहा कि कालोनियां समस्याओं से जूझ रही है। शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती। मंत्री ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को फटकार लगाई, आवश्यक कार्रवाई पूर्ण करने के निर्देश दिए। मंत्री ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो आगे ठोस कार्यवाही करेंगे। एसईसीएल कॉलोनी में दौरे के दौरान मंत्री के साथ महापौर राजकिशोर प्रसाद, इंटक के अध्यक्ष विकास सिंह सहित कांग्रेसी पदाधिकारी और अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
सोमवार को मंत्री ने मुड़ापर के विभागीय अस्पताल का जायजा लिया। यहाँ मरीजों को होने वाली परेशानी देखने को मिली। यहां पहुंचने वाले लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ता है। मंत्री ने अस्पताल प्रबंधन को व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा। बिल्डिंग के मरम्मत कराने की बात कही।
इसके बाद बाद मंत्री एसईसीएल की कालोनी में पहुंचे। जहां गली मोहल्ले में घूमकर उन लोगों से बातचीत कर सुविधाओं की जानकारी ली। लोगों ने मंत्री से शिकायत की, कि मोहल्लों में बिजली, पानी, सड़क और साफ-सफाई तक ठीक तरह से नहीं हो रही है। जिसके कारण समस्याओं से जूझना पड़ता है। रोज समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है।
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बताया कि “एसईसीएल के सुभाष ब्लॉक और ऑफिसर कॉलोनी का दौरा किया गया। इनकी स्थिति बेहद खराब है। कहीं मकानों के छज्जे टूट कर गिर रहे हैं। जिससे लोग खतरों के बीच जीवन यापन कर रहे हैं। तो कहीं कचरो का ढेर लगा हुआ है, लाखों रुपए की लागत से बनाया गया वाटर एटीएम आज तक शुरू नहीं हो सका है। जिसे 4 साल पहले स्थापित किया गया था। सफाई कार्य के लिए स्थापित एसएलआरएम सेंटर में भी ताला लगा हुआ मिला। ना तो यहां सफाई हो रही है, ना ही बिजली की व्यवस्था ठीक-ठाक है। ना तो पेयजल ही लोगों को मिल पा रहा है। व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। यह दुर्भाग्य का विषय है कि कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी एसईसीएल कोरबा से अरबो रूपायेबक राजस्व वर्जित करती है। बड़े-बड़े कीर्तिमान स्थापित किए हैं। लेकिन इनकी विभागय कालोनी में लोगों को मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। इसके लिए हम पत्र लिखेंगे और जरूरत पड़ी तो आगे चलकर और भी ठोस करवाई करेंगे।