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कोरबा

चार साल पहले हुई महिला की हत्या मामले में शेषनारायण को उम्रकैद की सजा

कोरबा। कर्जदाता ने उधार की रक़म नहीं लौटा पाने के कारण दो महिलाओं पर चाकू से हमला कर दिया। लगभग चार साल पहले हुई हत्या के मामले में विशेष न्यायालय ने हत्यारे को आजीवन कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है। विशेष लोक अभियोजक रमेश सिंह यादव (एससीएसटी) ने शासन की ओर से पैरवी की।

श्री यादव ने बताया कि घटना से कुछ माह पहले मृतका गौरी बाई चौहान ने शेषनारायण पांडेय से सात हजार रुपए उधार लिया था। उक्त रकम को वह गरीबी के कारण वापस नहीं कर पा रही थी। शेषनारायण बार-बार पैसे की मांग कर झगड़ा करता था। घटना से पहले पैसे वापस नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी थी।

घटना दिनांक 5 सितंबर 2020 की दोपहर 3 बजे मृतका गौरी बाई चौहान अपने परिवार सहित अटल आवास स्थित घर पर थी। उसी समय चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर वह बाहर आई। पीछे-पीछे बेटा लखन चौहान भी आया। उसने देखा कि पड़ोस में रहने वाले शेषनारायण पांडेय ने उमा यादव पर चाकू जैसे हथियार से हमला किया जिससे वह जमीन पर गिर गई। फिर शेष नारायण पांडेय दौड़ते हुए उसके घर की तरफ आया। कुछ समझ पाते इससे पहले ही गौरी बाई चौहान के पेट पर धारदार हथियार घुसा दिया जिससे उसकी अंतड़ी बाहर निकल आई। परिजन चिल्लाते हुए पहुंचे तो शेषनारायण वहां से फरार हो गया।

दोनो को परिजनों ने अस्पताल पहुंचाया किन्तु गौरी बाई को नहीं बचाया जा सका। घटना के संबंध में मृतका के पति लक्ष्मी प्रसाद चौहान की रिपोर्ट पर कोतवाली पुलिस ने धारा 302, 307, 3(2) एससीएसटी एक्ट के तहत शेष नारायण पांडेय के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया। प्रकरण विचारण हेतु विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजनपक्ष ने 10 साक्षियों का बयान सहित प्रमाणित साक्ष्य पेश किए। विशेष न्यायालय एससीएसटी – पीठासीन न्यायाधीश जयदीप गर्ग ने दोषसिद्ध पाते हुए आरोपी शेषनारायण पांडेय को धारा 302 में आजीवन कारावास व 25 हजार अर्थदंड से दंडित किया है। धारा 307 में 10 वर्ष सश्रम कारावास व 25 हजार अर्थदंड तथा एक्ट्रोसिटी एक्ट में आजीवन कारावास व 25 हजार रुपए के दंड से दंडित किया गया है।

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