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कोरबा

छात्र-छात्राओं को संयंत्रों व कोल माइंस का कराया जा रहा भ्रमण, कोयला उत्खनन व मशीनों के बारे में दी जा रही जानकारी

कोरबा। विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि तथा देश के विकास में योगदान को बढ़ावा देने जिले में संचालित हाई/हायर सेकेंडरी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को विभिन्न पावर प्लांटों के संयंत्रों व कोल माइंस का शैक्षणिक भ्रमण कराया जा रहा है।

इसी कड़ी में आज शासकीय हाईस्कूल पोलमी सहित अन्य विद्यालयों के 10-10 विद्यार्थियों को एसईसीएल सराईपाली खदान एवं हाईटेक नर्सरी का भ्रमण कराया गया। डीईओ पाली के निर्देशन में ग्राम परसदा से श्रीमती एस. सोम, पोलमी से जे. के. सागर, श्रीमती शिवकुमारी, पोड़ी से श्री मेश्राम द्वारा हर्षल श्रीवास डिप्टी मैनेजर, सुरेंद्र सिंह चौहान, सब-एरिया मैनेजर की उपस्थिति में खदान का भ्रमण कराया गया।

भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों को खदान से कोयला उत्खनन और परिवहन के साथ ही आधुनिक तकनीकी मशीनों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। इसी तरह पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने नर्सरी का भ्रमण कराया गया।

कलेक्टर अजीत वसंत के दिशा-निर्देशन में जिले के विद्यार्थियों को शैक्षणिक भ्रमण कराया जा रहा है, जिससे बच्चे इंजीनियरिंग व विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को देख सीख सकें। प्रति दिवस 15 स्कूलों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जा रहा है। शिक्षिका श्रीमती शिवकुमारी का कहना है कि इस तरह के भ्रमण से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच विकसित होगी। क्लासरूम से बाहर जाकर कार्यस्थल पर अवलोकन करके वे आधुनिक तकनीक का ज्ञान प्राप्त करेंगे। शिक्षा के प्रति उनकी अभिरूचि भी बढ़ेगी। शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से संयंत्रों तथा खदानों का अवलोकन करने के पश्चात विद्यार्थी एवं उनके पालक भी प्रसन्नता जाहिर करने के साथ ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं।

स्कूली छात्रों में शासकीय हाईस्कूल पोलमी, पोड़ी और परसदा के कक्षा 10वीं के शिव शंकर, वीर भद्र, कक्षा 9वीं की कुमारी महिमा, गरिमा, पद्मनी सहित अन्य छात्र-छात्राओं ने खदान का भ्रमण किया। विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें खदान में आकर बहुत अच्छा महसूस हुआ। शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से उन्हें खदान से कोयला उत्खनन व परिवहन के सम्बंध में बारीकी से जानकारी प्राप्त हुई। साथ ही कोल उत्खनन का आधुनिक तकनीकों के विभिन्न पहलुओ को समझने का अनुभव मिला।

उन्होंने बताया कि इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास के लिए आवश्यक है। इस प्रकार की गतिविधि से बच्चों में नए ज्ञान प्राप्त करने के साथ ही नई-नई तकनीकों की विशेषज्ञता के बारे में गहरा समझ प्रदान करता है। जिससे वे आगे चलकर तकीनीकी क्षेत्र में सफलता अर्जित करने में सहायक है।