कोरबा। शासकीय प्राथमिक व मिडिल स्कूल मुढ़ाली का निरीक्षण करने शाला समिति के अध्यक्ष पहुंचे। व्यवस्था देख वे भड़क गए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि शिक्षक स्कूल से गायब हैं, इस पर वे भड़क गए। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा स्तर भी बेहद कमजोर पाया। शिक्षकों की इस लापरवाही को देख वे आक्रोशित हुए।
कुछ दशक पहले की बात करें तो सरकारी स्कूलों में हिंदी वर्णमाला की शुरुआत कक्षा पहली तो अब के दौर में आंगनबाड़ी से ही हो जाती है। सामान्यतः तीसरी-चौथी व पांचवीं कक्षा तक बच्चे हिंदी के वाक्य पढ़ना, लिखना, गणित में जोड़-घटाना सीख लेते हैं, परंतु ग्राम मुढ़ाली में संचालित मिडिल स्कूल में बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा ही पूर्ण नहीं हो सकी है। तभी तो यहां के बच्चे लिखना तो दूर किसी वाक्य को देखकर पढ़ भी नहीं पाते। कुछ ऐसा ही नजारा यहां औचक निरीक्षण के दौरान देखने को मिला।
शाला समिति ने औचक निरीक्षण के दौरान कक्षा छठवीं के एक बच्चे को सामने ब्लैक बोर्ड पर लिखे वाक्य हिंदी हमारी मातृभाषा है को पढ़ने कहा गया पर वह नहीं पढ़ सका। इससे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षण व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है।