कोरबा। कोरबी चौकी अंतर्गत नवापारी पंडरीपानी निवासी रुपसिंह उर्रे की हत्या का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है। मृतक को मौत के घाट उतारने वाला और कोई और नहीं बल्की उसका ही पुत्र निकला। उसने पिता की हत्या इसलिए कर कर दी थी क्योंकि अक्सर किसी न किसी बात को लेकर विवाद और गाली गलौच किया करता था।
घटना दिनांक को भी रुपसिंह ने ऐसा ही किया। पुत्र संतराम 19 वर्ष आक्रोशित हो उठा और घर पर रखे फावड़े से पिता पर ताबड़तोड़ हमला कर मौत के घाट उतार दिया। पुत्र ने साक्ष्य छिपाने की मंशा से पिता के शव को गांव के समीप पुलिया के पास छोड़कर आ गया। साथ ही वारदात में प्रयुक्त हथियार व खून से सने कपड़ों को ठिकाने लगा दिया। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है, जिसकी निशानदेही पर फावड़ा, तब्ब्ल सहित खून से सने कपड़ों को बरामद कर लिया गया है। उपरोक्त कार्यवाही में निरी0 राजेश जांगडे ( थाना प्रभारी पसान), निरीक्षक सनत सोनवानी (प्रभारी साइबर सेल कोरबा), उप निरी0 नवल साव चौकी प्रभारी कोरबी, स.उ.नि. नंदलाल टंडन, आरक्षक श्याम गबेल, पुष्पेंद्र पटेल, रामधन पटेल, विकास कोसले, रामकुमार पटेल, दुष्यंत गोभिल एवं सायबर टीम के सउनि राकेश सिंह, प्र. आर. गुनाराम सिन्हा, राजेश कंवर, आरक्षक सुशील यादव, प्रशांत सिंह, रितेश शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
शरीर में कई स्थानों पर गंभीर चोट के निशान
नवापारा पंडरीपानी निवासी कृष्ण कुमार ने विगत 15 जून को चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उसके चाचा रूपसिंह उर्रे 45 वर्ष 14 जून को राजमिस्त्री का काम करने गया था, जो रात्रि में घर नहीं लौटा। वह दूसरे दिन गांव की पुलिया के पास उसकी लाश मिली। उसके शरीर में कई स्थानों पर गंभीर चोट के निशान मिले। पुलिस ने धारा 302 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया था।