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कोरबा

आदिवासी समाज ने रतनपुर थाने का किया घेराव, बैगा आदिवासियों से मारपीट का मामला, वन विभाग के कर्मियों पर एफआईआर की मांग  

कोरबा-रतनपुर।  जंगल में वन्य जीव की मौत के मामले में संदेह जताते हुए वन विकास निगम के कर्मचारियों द्वारा 3 बैगा आदिवासियों को घर से उठाकर रात भर मारपीट की और जुर्म स्वीकार करने का दबाव बनाया गया था। सुबह उन्हें छोड़ दिया गया। मारपीट से तीनों बैगा आदिवासियों को गंभीर चोट आई है। मामला सामने आते ही सर्व आदिवासी समाज ने थाने में का घेराव कर दिया। साथ ही दोषी वन कर्मियों पर एफआईआर की मांग की। गुरूवार को भी रतनपुर थाने का भी घेराव कर ज्ञापन सौंपा गया।मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत करका जिला बिलासपुर अंतर्गत बैगा जनजाति क्षेत्र नकटाबांधा वार्ड क्रमांक 01 में विगत 27 मई 2023 को शाम 6 बजे वन विकास निगम के कुछ कर्मचारियों द्वारा छापामार कार्रवाई की गई थी। इससे पूर्व हुई घटना की जानकारी ग्रामीणों को नहीं थी। जानकारी लेने पर पता चला कि तेन्दुवा बीट के जंगल में भालू मृत अवस्था में मिला था। मामले को लेकर नकटाबांधा बैगा क्षेत्र में जांच पड़ताल हेतु छापा मारा गया है। जिस स्थान पर भालू मृत मिला था, उस स्थान से बैगा जनजातियों का निवास लगभग 20 किलोमीटर दूर है। इसके बावजूद वनकर्मियों द्वारा तीन बेकसूर बैग आदिवासियों को पूछताछ करने के बहाने नकटाबांधा से शिवतराई रेस्ट ले जाया गया। इसके बाद भैंसाझार वन विकास निगम कार्यालय में रात भर शराब के नशे में धुत होकर वन कर्मियों ने अमानवीय व्यवहार करते हुए तीनों पीड़ितों लूमन सिंह बैगा पिता अंधियार सिंह बैगा, वीर सिंह बैग पिता इतवारी सिंह बैगा और राम सिंह बैगा पिता इतवारी सिंह बैगा की पिटाई कर अधमरा कर दिया। मारपीट से सभी को गंभीर चोट आई है। तीनों पीड़ित रात भर बेरहमी से कराहते रहे। सर्व आदिवासी समाज ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषी वनकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। पीड़ितों को न्याय नहीं मिलने पर सड़क पर उतरकर आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है। रतनपुर थाना प्रभारी ने आदिवासी समाज के प्रमुखों को एक सप्ताह में जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। आश्वासन मिलने के बाद थाने का घेराव समाप्त किया गया।—-