Home » देशी शराब में मिलावट से परेशान, अब एक से नहीं बल्कि तीन पाव में हिल रहा कांटा
कोरबा छत्तीसगढ़

देशी शराब में मिलावट से परेशान, अब एक से नहीं बल्कि तीन पाव में हिल रहा कांटा

कोरबा। देशी शराब की दुकान में मिलावट का खेल बदस्तूर जारी है। मदिरा प्रेमियों के धैर्य का बांध अब टूट रहा है। शौकीनों को अब मजबूरन एक पाव की जगह तीन पाव खरीदना पड़ रहा है। तब जाकर उनके दिमाग का कांटा हिलता है।

राज्य सरकार ने प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से देशी विदेशी शराब दुकानों का संचालन शुरू किया है। कर्मचारियों ने इसका खुलकर दुरूपयोग करना शुरू कर दिया है। कर्मचारी अपनी ऊपरी कमाई के लिए शराब की बोतलों में मिलावट करने का काम कर रहे हैं। उनके इस कृत्य से शराब के शौकीनों का गुस्सा फूट पड़ा है। ऐसे में कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुसमुंडा स्थित देशी शराब की दुकान में शराब प्रेमियो को मिलावट वाली शराब परोसी जा रही है। शराब दुकान से शराब की बोतल लेने के बाद जैसे ही बोतल खोलने के लिए हल्का सा जोर लगाया जाता है, बोतल का ढक्कन सील सहित हाथ में आ जाता है। शौकीनों का कहना है कि पहले एक पाव में नशा चढ़ जाता था, लेकिन अब दो से तीन पाव पीने के बाद भी कुछ फर्क नहीं पड़ रहा है। शराब प्रेमियो ने बताया कि कुसमुंडा और ट्रांसपोर्ट नगर स्थित देशी शराब दुकान में इस तरह की बोतल मिल रही है। शौकीनों के अनुसार अमरैयापारा स्थित शराब दुकान में मिलावट नहीं होती। यहां सही मात्रा में पाव मिल रहा है। पूर्व में शिकायत करने पर कुसमुंडा शराब दुकान के कर्मचारियों को निकाल दिया गया था। जिसके बाद शराब की खेप अच्छी आने लगी थी, लेकिन कुछ महीनों से एक बार फिर से शराब में पानी की मात्रा ज्यादा हो गई है। जिसके कारण शराब प्रेमियों को ज्यादा मात्रा में सेवन करना पड़ रहा है। ऐसे में पैसे भी अधिक खर्च हो रहे हैं। शराब दुकान में विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है।

आबकारी विभाग गहरी नींद में

मामले में आबकारी विभाग कोई कार्यवाही अब तक सामने नही आई है। इसे लेकर शराब प्रेमियो रोष व्याप्त है। मामले की शिकायत जिला प्रशासन से करने की बात कही जा रही है। ऐसे में विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। ज्ञात हो कि कुसमुंडा कोल इंडिया का एक बड़ा हिस्सा घनी आबादी वाला स्थान है। यहां के अधिकांश लोग कोयले के कारोबार से जुड़े हुए हैं। अपनी थकान मिटाने के लिए एक निश्चित मात्रा में शराब का सेवन करते है। खपत अधिक होने की वजह से शराब बड़ी खेप पहुंचाई जाती है। यहां मौजूद कर्मचारी शराब की बोतलों में मिलावट करने का काम करते है। अब देखना यह है कि कार्यवाही से बचने के लिए आबकारी विभाग के अधिकारी इस पर अंकुश लगा पाते हैं या फिर मिलावट का खेल बदस्तूर जारी रहेगा।