कोरबा। शुद्ध पेयजल नहीं मिलने से ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा जल जीवन मिशन योजना चलाई जा रही है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने के लिए नल लगाए जाते हैं ताकि ग्रामीणों को दूषित जल से होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके। लेकिन योजना का सही लाभ ग्रामीणों को नहीं मिलने से दूषित पानी पीने को ग्रामीण मजबूर हैं।
ऐसा ही एक मामला जिला मुख्यालय से करीब 22 किमी दूर मौजूद ग्राम पंचायत बेला अंतर्गत ग्राम गहनिया के खेतार पारा में सामने आया है। यहां ग्रामीण पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। शुद्ध पेयजल नहीं मिलने से ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। इससे ग्रामीणों पर स्वास्थ्य का खतरा मंडरा रहा है। गांव में करीब 42 परिवार निवास करते हैं, जिसमें महिला-पुरूष एवं लगभग 30-35 की संख्या में बच्चे भी शामिल हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले एक हफ्ते से पानी सप्लाई बंद है जिसके कारण काफी परेशानी हो रही है। नल में पानी नहीं आने से ग्रामीण एक किलोमीटर दूर जाकर ढोढ़ी का पानी ला रहे हैं। दूषित पानी पीने से स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि हमारे परेशानी को सुनने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से पेयजल की समस्या को दूर करने की मांग की है।