0 लोकसदन एवं प्रगतिशील लेखक संघ के संयुक्त तत्वावधान में समारोह
0 याद किये गए कोरबा के संघर्षशील पत्रकार रहे स्व. रमेश पासवान
कोरबा। औद्योगिक नगर में प्रगतिशील विचारों के लिए ताजिंदगी संघर्ष करने वाले वरिष्ठ पत्रकार स्व. रमेश पासवान पत्रकारिता 2024 का सम्मान पत्रकार युधिष्ठिर राजवाड़े को प्रदान किया गया। ऊर्जावान युवा पत्रकार युधिष्ठिर राजवाड़े को बेहतर पत्रकारिता के लिए 10 हज़ार रूपए की राशि और शाल श्रीफल से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकर जन शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन 22 अगस्त को पंडित मुकुटधर पाण्डेय साहित्य भवन में किया गया।
बता दें दैनिक लोकसदन के संपादक व प्रतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष सुरेश रोहरा एवं मार्गदर्शक वरिष्ठ पत्रकार सनंददास दीवान के द्वारा कोरबा के पत्रकार जगत में संघर्षशीलता की मिसाल स्व. रमेश पासवान की स्मृति में विगत तीन वर्षों से जिले के एक पत्रकार को सम्मानित व पुरस्कृत करने का बीड़ा उठाया गया है। इस कड़ी में वर्ष 2024 का सम्मान युधिष्ठिर राजवाड़े को प्रदान किया गया । इससे पहले प्रथम वर्ष यह सम्मान सुखसागर मन्नेवार, द्वितीय वर्ष सत्यनारायण पाल (सत्या) को दिया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार डॉ.विकाश जोशी, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रगतिशील लेखक संघ के संरक्षक शिवशंकर अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि श्यामबिहारी बनाफर, वरिष्ठ पत्रकार किशोर शर्मा, सुरेश चंद्र रोहरा, सनन्द दास दीवान आदि के द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन व माल्यार्पण कर शुभारंभ किया गया। कवयित्री वीणा मिस्त्री ने मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की।
0 राष्ट्रीय पत्रकारों में गणना करना अतिश्योक्ति नहीं : रोहरा
इस अवसर पर श्री रोहरा ने कहा कि स्व.रमेश पासवान की गणना राष्ट्रीय पत्रकारों में करना अतिश्योक्ति नहीं होगी। उन्होंने कोरबा की पत्रकारिता जगत में अपने काम के तौर तरीकों से अलग पहचान स्थापित की। वे कभी नाम और दाम के मुरीद नहीं हुए। निरपेक्ष भाव से पत्रकारिता करते हुए आदर्श स्थापित किया है। उनकी स्मृति को सहेज कर रखने के लिए प्रतिवर्ष यह सम्मान जिले के एक कर्मठ पत्रकार को दिया जाता है। स्व. रमेश पासवान भी एक ऐसे पत्रकार थे, जिन्होंने समाचार के प्रति कभी समझौता नहीं किया, भले ही स्व.श्री पासवान को अपना पूरा जीवन सादगी में ही काटना पड़ा। धनलोलुपता स्व.पासवान को कभी घेर नहीं पाई। निर्भिक और व्यवहारकुशलता के धनी स्व. रमेश पासवान को मरणोपरांत अजर-अमर करने का बीड़ा उठाया सुरेश रोहरा ने और सनंददास दीवान के मार्गदर्शन में तीन साल पहले रमेश पासवान पत्रकारिता सम्मान का शुभारंभ किया और हर साल एक संघर्षशील पत्रकार को यह सम्मान उनके द्वारा दिया जाता है।
0 पासवान सरल व्यक्ति व निर्भीक पत्रकार थे : किशोर शर्मा
वरिष्ठ पत्रकार किशोर शर्मा ने रमेश पासवान के सादगी भरे जीवन और लेखनी में उनकी निर्भिकता को उकेरा। किशोर शर्मा ने कहा कि रमेश पासवान मेरे सहयोगी थे और बिना साधन के एक अच्छे पत्रकार के रूप में अपने आपको स्थापित कर कोरबा जिले में अपनी खुद की पहचान बनाई। मूलत: बिहार निवासी होने के बावजूद भी उनकी वाणी में छत्तीसगढ़िया संस्कृति कूट-कूटकर भरी हुई थी और वे भोजपुरी के साथ-साथ हिन्दी और छत्तीसगढ़ी भाषा में भी अपनी पकड़ मजबूत कर रखी थी। उन्होंने करीब तीन दशक तक पत्रकारिता में अपना लोहा मनवाया।
0 संघर्षशील व्यक्ति ठान ले तो सफलता जरूर मिलती है: विकास जोशी
डॉ.विकास जोशी ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि समाज के निम्न, मध्यम, दबे-कुचले लोगों को ऊपर उठाने की सोच रखने वाला समाज का सबसे बड़ा आदमी होता है। बड़े लोगों को तो सब पूछते हैं, लेकिन जो संघर्ष कर अपने जीवन को और अपने कर्मक्षेत्र में प्रकाश फैलाते हैं, ऐसी प्रतिभाओं को आगे लाने का काम करने वाला सच्चा समाज हितैषी होता है। सुरेश रोहरा ने एक ऐसा ही अनुकरणीय काम किया है। उन्होंने कहा कि रमेश पासवान एक मध्यम वर्गीय श्रमजीवी पत्रकार थे, उनकी लेखनी में अंतिम व्यक्ति के लोगों की समस्याओं की कसक दिखती थी और उनके समाचार में उनके उत्थान को बयां करने वाले शब्द रहते थे। उनके समाचारों से दबे-कुचले लोगों की आवाज आती थी और इसकी पहुंच शासन-प्रशासन तक होती थी।
0 बड़ों का अपमान भूल से भी मत करना-सनंददास दीवान
समारोह के मार्गदर्शक सनंददास दीवान ने संचालन करते हुए कहा अपने वरिष्ठजनों का कभी अपमान मत करना और उनसे सिर्फ अच्छी बातों को सीख कर अपनी कर्मशीलता एवं कार्यक्षेत्र को आगे बढ़ाना। कभी-कभी मानवीय भूल हो जाती है, यह बड़ी बात नहीं है, लेकिन अपनी गलती को स्वीकार करना बड़ी बात है। इस बड़ी बात को जो समझ लिया, उसकी सफलता निश्चित है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्य व पत्रकारिता से जुड़े लोगों की उपस्थिति रही।