रायसेन। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में सेहतगंज स्थित शराब फैक्ट्री-सोम डिस्टलरी में शनिवार को मजदूरी करते पाए गए 59 बच्चों के मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने रविवार को सनसनीखेज जानकारी दी है। आयोग ने कहा कि इन बाल श्रमिकों से फैक्ट्री प्रबंधन सिर्फ मजदूरी ही नहीं करा रहा था, बल्कि उनको नशे के कारोबार में भी लिप्त किया गया था।
आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि फैक्ट्री में पाए गए बाल श्रमिक गायब कर दिए गए हैं। इन बच्चों को प्रशासन ने शराब फैक्ट्री के मालिक के साथ मिलकर गायब कराया है, ताकि उनके बयान न हो सकें। बता दें कि आयोग के अध्यक्ष कानूनगो ने शनिवार दोपहर शराब फैक्ट्री में निरीक्षण करने के बाद कहा था कि फैक्ट्री में 59 बच्चे काम करते पाए गए।
अंधेरा होते ही 39 बच्चे गायब
मामला रायसेन के जिला प्रशासन, श्रम विभाग और पुलिस के अधिकारियों के संज्ञान में ला दिया है। रविवार को आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि अंधेरा होते ही 39 बच्चों को गायब कर दिया गया। उनके संज्ञान में यह भी आया है कि फैक्ट्री में बच्चों से नशे का कारोबार भी कराया जा रहा था। नौ घंटे बाद एफआईआर दर्ज हो पाई और उसमें भी बच्चों को नशे के कारोबार में लिप्त करने पर लगने वाली जेजे एक्ट की धारा-78 नहीं लगाई गई। कानूनगो ने कहा कि अभी एक एफआईआर उन पर कराई जाएगी, जिन्होंने बच्चों को गायब किया है।
अब तक पांच श्रम अधिकारी निलंबित
मामला मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के संज्ञान में आने पर प्रभारी आबकारी अधिकारी कन्हैयालाल आतुलकर और तीन आबकारी उप निरीक्षक- प्रीति शैलेंद्र उईके, शैफाली वर्मा व मुकेश कुमार को शनिवार देर रात निलंबित कर दिया गया। रविवार को सुबह मंडीदीप में पदस्थ लेबर इंस्पेक्टर रामकुमार श्रीवास्तव का निलंबन आदेश भी लेबर कमिश्नर ने जारी कर दिया। ऐसे में, अब तक श्रम विभाग के पांच अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई की जा चुकी है।
आयोग सुप्रीम कोर्ट जाएगा
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि पूरे मामले को लेकर आयोग सुप्रीम कोर्ट में जाएगा और बच्चों को लेकर लापरवाह अधिकारियों को दंडित कराया जाएगा।
कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज- कलेक्टर
रायसेन के कलेक्टर अरबिंद दुबे ने कहा, आयोग द्वारा शराब फैक्ट्री में बच्चों से काम कराने का मामला सामने आने के बाद देर रात तक कार्रवाई चली। मामले में सुसंगत धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर दी गई है। रात होने से कुछ बच्चे चले गए थे, उनके ग्राम पंचायत भवन सेहतगंज में बयान लिए जा रहे हैं। सीडब्ल्यूसी सहित सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों के समक्ष कानून के प्रविधान अनुसार कार्रवाई की जा रही है।