इंदौर। Big decision Court: मध्य प्रदेश में चार साल पहले हुए सड़क हादसे को लेकर इंदौर की अदालत ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। अदालत ने बीमा कंपनी को मृतक के आश्रितों को छह करोड़ 14 लाख रुपये भुगतान करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया कि ये भुगतान दो महीने के भीतर ही करना होगा।
Big decision Court
जिला अदालत ने बीमा कंपनी को बीमा कंपनी को भारी भरकम राशि चुकाने का आदेश दिया है। 42 वर्षीय व्यवसायी के आश्रितों को बीमा कंपनी को ब्याज सहित छह करोड़ 14 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। मध्य प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है, जब अदालत ने किसी सड़क दुर्घटना में मृतक के आश्रितों को इतनी बड़ी राशि भुगतान करने का आदेश दिया है। अदालत ने ये भी कहा कि अगर बीमा कंपनी ने दो महीने के अंदर भुगतान नहीं किया तो मुआवजे की मूल राशि चार करोड़, 85 लाख, 39 हजार पर छह के बजाय नौ प्रतिशत की दर से ब्याज देना पड़ेगा।
सड़क हादसे में गई थी खनन व्यवसायी की जान
गौरतलब है कि चार अप्रैल 2019 को हुए हादसे में खनन व्यवसायी कौसर अली की जान चली गई थी। हादसा उस वक्त हुआ था जब कौसर अली पत्नी नसरीन और अन्य रिश्तेदारों के साथ कार से जा रहे थे। गंजताल मोड़ सिहोरा (जबलपुर) में सामने से आ रहे एक ट्रक ने कार को जोरदार टक्कर मार दी थी। हादसे में कौसर अली की मौके पर ही मौत हो गई।
व्यवसायी के परिवारवालों ने किया था क्लेम
कौसर अली की पत्नी नसरीन बानो, बेटे ईशान अली, मां साबरा और पिता शेर मोहम्मद ने ट्रक मालिक, चालक और बीमा कंपनी के खिलाफ जिला न्यायालय में क्लेम किया था। क्लेम में कहा गया कि कौसर अली खनन व्यवसायी थे। उनकी हाईटेक इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी भी थी। उनकी मृत्यु से पत्नी, पुत्र और माता-पिता निराश्रित हो गए हैं। उनके वकील ने कोर्ट के सामने कौसर अली के तीन सालों के आयकर रिटर्न भी पेश किए।
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बीमा कंपनी ने किया क्लेम का विरोध
बीमा कंपनी की ओर से क्लेम का विरोध किया गया। कंपनी ने कहा कि हादसा सिरोहा में हुआ था, मृतक भी वहीं रहते थे, इसलिए इंदौर की अदालत को मामले में सुनवाई का हक नहीं है। 11वें मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण सदस्य न्यायाधीश अविनाश शर्मा ने बीमा कंपनी के तर्कों से असहमत होते हुए कौसर अली के आश्रितों को चार करोड़, 85 लाख, 39 हजार रुपये भुगतान करने का आदेश दिया।
हादसे में तीन और लोगों की गई थी जान
बीमा कंपनी को इस रकम पर मई 2019 से छह प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देना होगा। ब्याज सहित मुआवजे की रकम छह करोड़, 14 लाख रुपये बनती है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मुआवजे की राशि में से 50 प्रतिशत पत्नी को, 25 प्रतिशत पुत्र और शेष 25 प्रतिशत माता-पिता को प्राप्त होगा। हादसे में तीन अन्य लोगों की भी मृत्यु हुई थी। न्यायालय ने इनके परिजनों को भी करीब 36 लाख रुपये मुआवजा दिलवाया है।