भोपाल। अवैध कमाई से करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित करने के आरोपित मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में आरक्षक रहे सौरभ शर्मा का अग्रिम जमानत भोपाल जिला न्यायालय ने गुरुवार को अस्वीकार कर दिया है। न्यायालय ने माना कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए अन्वेषण में आरोपित से पूछताछ की आवश्यकता है। आरोपित की अनुपलब्धता के तथ्य को ध्यान में रखते हुए उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। सौरभ का सहयोग करने वाले परिवहन अधिकारी भी आयकर के निशाने पर हैं।
न्यायाधीश (लोकायुक्त) राम प्रसाद मिश्र ने आवेदन पर सुनवाई की। सौरभ का सहयोग करने वाले परिवहन अधिकारी भी आयकर के निशाने पर हैं। इसके पहले प्रार्थनापत्र पर सौरभ का पक्ष रखते वकील आरके पाराशर ने कहा कि 54 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकदी जिस कार में मिलने की बात की जा रही है, वह सौरभ की है ही नहीं, सौरभ का उससे कोई लेना-देना नहीं है। वकील ने दूसरा तर्क दिया कि आरोपित छापेमारी के समय लोक सेवक नहीं था।
आयकर अधिकारियों को भोपाल के शाहपुरा बी-सेक्टर में 20 हजार वर्गफीट जमीन पर जयपुरिया नाम से बन रहे एक स्कूल में अघोषित आय के प्रयोग का संदेह है। स्कूल निर्माण कराने वाली समिति में सौरभ के करीबी चेतन गौर और स्वजन के नाम हैं। स्कूल निर्माण के लिए अधिकारियों ने नियम विरुद्ध अनुमति दी है तो उनसे भी पूछताछ की जाएगी। इसके अतिरिक्त उन अधिकारियों से भी पूछताछ होगी, जिनका नाम बरामद डायरी में है।
सौरभ पत्नी समेत अभी दुबई में
डायरी उस कार में मिली थी, जिसमें 54 किलो सोना और लगभग 10 करोड़ रुपये नकद रखे थे। बता दें कि लोकायुक्त पुलिस द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले में सौरभ के विरुद्ध दर्ज प्रकरण के आधार पर ईडी ने भी जांच शुरू की है। वहीं, आयकर विभाग ने लोकायुक्त पुलिस को पत्र लिखकर बेनामी व अन्य संपत्तियों की जानकारी मांगी है। सौरभ पत्नी समेत अभी दुबई में है। उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया जा चुका है।