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मध्यप्रदेश

सौरभ शर्मा व उसके करीबियों के भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर स्थित 6 ठिकानों पर ईडी की दबिश

भोपाल। प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) ने सौरभ शर्मा और उसके करीबियों से जुड़े छह स्थानों पर भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में शुक्रवार सुबह छापेमारी की है।  लोकायुक्त पुलिस द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले में दर्ज एफआईआर के आधार पर तीन दिन पहले ईडी ने सौरभ के विरुद्ध प्रकरण कायम किया था। अब छापेमारी में ईडी की टीम संपत्ति और दस्तावेजों का परीक्षण कर रही है। भोपाल में सौरभ शर्मा के ई 7 स्थित और अरेरा कॉलोनी स्थित आवास पर छापे की कार्रवाई जारी है।

ईडी की टीम द्वारा जबलपुर के शास्त्री नगर में रोहित तिवारी के घर छापेमारी की सूचना है। बताया जा रहा है कि टीम सुबह पांच बजे उनके घर पहुंची। रोहित तिवारी जबलपुर में बिल्डर का काम करते हैं। उनकी पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत से नजदीकी है। हालांकि ईडी के छापे और कार्रवाई के संबंध में कोई अधारिक पुष्टि अभी नहीं है।

जबलपुर में जांच दल सुबह प्रेस लिखी कार से रोहित तिवारी के घर पहुंचा था। तिवारी की जबलपुर के गढ़ा और भेड़ाघाट क्षेत्र में निर्माणाधीन कॉलोनियां है। कुछ प्रभावशाली लोगों के साथ भी वह काम में साझेदार है। सूत्रों के मुताबिक, सौरभ शर्मा ने बिल्डर तिवारी की कंपनी ओमेगा रियलकॉन प्राइवेट लिमिटेड में बड़ी रकम निवेश की थी। दोनों आपस में रिश्तेदार है।

अवैध कमाई से करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित करने के आरोपी मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में आरक्षक रहे सौरभ शर्मा का अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र भोपाल जिला न्यायालय ने गुरुवार को अस्वीकार कर दिया है। न्यायाधीश (लोकायुक्त) राम प्रसाद मिश्र ने आवेदन पर सुनवाई की। न्यायालय ने माना कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए अन्वेषण में आरोपी से पूछताछ की आवश्यकता है।

आरोपी की अनुपलब्धता के तथ्य को ध्यान में रखते हुए उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। इसके पहले प्रार्थना-पत्र पर सौरभ का पक्ष रखते हुए वकील आरके पाराशर ने कहा कि 54 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकदी जिस कार में मिलने की बात की जा रही है, वह सौरभ की है ही नहीं, सौरभ का उससे कोई लेना-देना नहीं है। वकील ने दूसरा तर्क दिया कि आरोपी छापेमारी के समय लोक सेवक नहीं था।

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