सागर। सागर निवासी एक व्यक्ति की 14 माह की बेटी निमोनिया से पीड़ित थी। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन तबियत बिगड़ने के बाद 21 मार्च को उसे बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। निमोनिया के कारण उसका शरीर ठंडा पड़ रहा था, जिसके बाद उसे वार्ड में ही गर्म हवा फेंकने वाले एयर ब्लोवर के पास रख दिया गया। फिर उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर बच्ची को पीएम के लिए भिजवाया और मौत की जांच का आश्वासन दिया। वहीं बीएमसी प्रबंधन ने मौत की वजह का पता लगाने जांच कमेटी बनाने की बात कही है।
मेडिकल कॉलेज किया गया था रेफर
जानकारी के अनुसार सागर के संजय नगर निवासी अनिल अहिरवार की 14 माह की बच्ची सौम्या की तबीयत खराब होने के बाद करीब 15 दिन पहले उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसकी हालत बिगड़ने के बाद 21 मार्च को उसे बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
स्वजन रात करीब आठ बजे उसे गंभीर हालत में बीएमसी लेकर आए, जहां से बच्ची को पीआईसीयू में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची को पहले वेंटिलेटर पर खा गया था, लेकिन निमोनिया के कारण उसका शरीर ठंडा पड़ रहा था, जिसके बाद उसे वार्ड में ही गर्म हवा फेंकने वाले एयर ब्लोवर के पास रख दिया गया।
एयर ब्लोवर नहीं किया बंद
एयर ब्लोवर के पास पड़ी बच्ची को ज्यादा गर्म होने पर एयर ब्लोवर को बंद करने के लिए कहा गया था, लेकिन उसे बंद नहीं किया गया। बच्ची को ज्यादा गर्म हवा लगने से उसकी त्वचा झुलस गई। स्वजन ने जब बच्ची को कोई हरकत करते नहीं देखा तो उन्होंने डॉक्टर को बुलाया।
रविवार शाम पांच बजे डॉक्टर ने वहां पहुंच कर सबसे पहले एयर ब्लोवर बंद किया और बच्ची की जांच की। इसमें उसकी मौत हो गई। बच्ची के मौत की सूचना घर के अन्य सदस्यों को दी गई। इसके बाद वहां अन्य लोग आ गए और बच्ची की मौत का जिम्मेदार स्टाफ नर्स व डॉक्टरों को ठहराते हुए हंगामा करने लगे।
डॉक्टरों की टीम करेगी जांच
विरोध होता देख वार्ड के बाहर पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने स्वजन को समझाइश दी और बच्ची को पीएम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। फिलहाल पुलिस मर्ग कायम कर विवेचना करेगी।
बीएमसी के मीडिया अधिकारी डॉ. विशाल भतकारिया ने बताया कि बेड से तीन फीट दूर एयर ब्लोवर लगा हुआ था। बच्ची की मौत किन कारणों से हुई, इसकी जांच के लिए डॉक्टरों की एक टीम बनी है।