उमरिया । मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 13 हाथियों की हालत बिगड़ने के बाद मंगलवार को तब खलबली मच गई, जब इनमें से चार हाथियों ने दम तोड़ दिया। बाकी नौ उपचाररत हाथियों में से चार की हालत नाजुक बनी हुई है। वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जहरीला पदार्थ खाने से हाथियों की हालत बिगड़ने की पुष्टि की है। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि उन्हें जहर दिया गया है या फिर उन्होंने ही कोई जहरीला पदार्थ खाया है।
उधर, हाथियों की मौत को शासन ने गंभीरता से लिया है। घटना की जांच के लिए स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) की टीम बनाने के साथ ही विशेषज्ञ डाक्टरों का पैनल भोपाल से बांधवगढ़ भेजा गया है।
’जो भी दोषी होगा, कार्रवाई की जाएगी’
प्रदेश के मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक वीएन अंबाडे ने कहा कि जांच दल ग्रामीणों की भूमिका के साथ वन अमले की भूमिका की भी जांच करेगा। जो भी दोषी होगा, कार्रवाई की जाएगी। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सहायक संचालक पीके वर्मा ने कहा कि बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि हाथियों की मृत्यु किस प्रकार के जहर से हुई है।
13 जंगली हाथियों का झुंड खेतों में घुसा
उन्होंने बताया कि टाइगर रिजर्व में रहने वाले 13 जंगली हाथियों का झुंड सोमवार रात को पतौर और पनपथा के मध्य राजस्व भूमि क्षेत्र में स्थित खेतों में घुस गया था। यहां हाथियों ने धान की फसल को रौंदा और उसे खाया। इसके बाद सभी खितौली रेंज में पहुंच गए और यहीं अस्वस्थ होने लगे। बता दें कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के नजदीक छत्तीसगढ़ के रायगढ़ क्षेत्र में करंट की चपेट में आने से तीन दिन पहले एक शावक समेत तीन हाथियों की मौत हो गई थी। बांधवगढ़ पार्क में 70 से 80 हाथी हैं।