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मध्यप्रदेश

हजारों लोगों की आस्था का केंद्र बना चार सौ साल पुराना गणेश मंदिर, बनने में लगे 35 साल

सागर। मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर की तरह सागर में भी करीब 400 साल पुराना गणेश मंदिर है। यह मंदिर शिवाजी कालीन है। भारत के दूसरे गणेश मंदिर के रूप में मशहूर इस मंदिर के गर्भ गृह का निर्माण आठ कोणों में हुआ है। इसी पद्धति पर सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई का भी निर्माण हुआ है। सन 1600 में यहां खोदाई के दौरान भगवान गणेश की यह मूर्ति मिली थी। इसीलिए इन्हें स्वयंभू गणेश भी कहा जाता है।

1640 में निर्माण कार्य पूरा हुआ

पूरे पैंतीस साल में महाराष्ट्र के कारीगरों ने 1640 में इस मंदिर को बनाकर तैयार किया। ये वो दौर था जब शिवाजी महाराज का परचम लहराया करता था। इसके बाद मराठाकाल में बाजीराव के साम्राज्य में इस मंदिर का स्वर्णिम दौर रहा। यहां बुंदेलों और मराठों का इतिहास लिखा गया, जो नागपुर में आज भी सुरक्षित है।