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शादीशुदा व्यक्ति ने लिव-इन पार्टनर से किया दुष्कर्म, जिला अदालत ने आरोपी को किया दोषमुक्त

इंदौर। मध्य प्रदेश की इंदौर जिला अदालत ने 34 वर्षीय एक विवाहित व्यक्ति को अपनी लिव-इन पार्टनर के साथ दुष्कर्म करने, गर्भपात के लिए मजबूर करने और जान से मारने की धमकी देने के आरोपी को बरी कर दिया है। एक अभियोजन अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अदालत ने अपने फैसले में रेखांकित किया कि प्राथमिकी दर्ज कराने वाली महिला ने इस व्यक्ति के साथ 15 जून 2021 को बाकायदा समझौता किया था, जिसमें साफ लिखा गया था कि आरोपी पहले से शादीशुदा है और वह एक हफ्ते उसके साथ और एक हफ्ते अपनी पत्नी के साथ बारी-बारी से रहेगा। समझौते में यह भी कहा गया कि महिला और पुरुष पिछले दो साल से रिलेशनशिप में थे।
25 अप्रैल के इस फैसले में, अदालत ने कहा कि एक समझौता था जिसके तहत 29 वर्षीय महिला ने एक ऐसी व्यवस्था के लिए सहमति दी थी जिसमें 29 वर्षीय महिला ने इस बात पर सहमति जताई थी कि पुरुष सात दिन उसके साथ और सात दिन अपनी पत्नी के साथ बारी-बारी से रहेगा।

आरोपी व्यक्ति को साल 2021 में किया गया था गिरफ्तार

अधिकारी ने बताया कि महिला ने इस व्यक्ति के खिलाफ शहर के भंवरकुआं पुलिस थाने में 27 जुलाई 2021 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उसने शादी का झांसा देकर उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया, जबरन गोलियां खिलाकर उसका गर्भपात कराया और उसे जान से मारने की धमकी भी दी। आरोपी व्यक्ति को 15 अगस्त, 2021 को गिरफ्तार किया गया था। 2 मार्च, 2022 को जमानत पर रिहा होने से पहले उसने 200 दिन जेल में बिताए।

एग्रीमेंट की वजह से आरोपी को किया दोषमुक्त

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जयदीप सिंह ने तथ्यों और सबूतों पर विचार करने के बाद इस व्यक्ति को भारतीय दंड विधान की धारा 376 (दो) (एन) (महिला से बार-बार दुष्कर्म), धारा 313 (स्त्री की सहमति के बिना उसका गर्भपात कराना) और धारा 506 (धमकाना) के आरोपों से 25 अप्रैल को बरी कर दिया।