रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा स्थित संजय गांधी अस्पताल में इस समय दुष्कर्म पीड़िता एक गंभीर बीमारी से जूझ रही है। जिंदगी के एक जख्म से निकल रही पीड़िता को अब अपना बायां हाथ गवंना पड़ेगा। दरअसल, 14 साल की नाबालिग को शादी का झांसा देकर 17 साल के नाबालिग ने दुष्कर्म किया, जिससे वह गर्भवती भी हो गई।
पीड़िता को जन्म से गैंग्रीन बीमारी है, जिसकी वजह से उसकी एक सर्वाइकल रिब और फर्स्ट क्लेविकल फ्यूज हो गई है। इस वजह से डॉक्टरों को नाबालिग का बांया हाथ काटना पड़ेगा, वहीं नाबालिग की मां ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। जब इसकी खबर माता-पिता को लगी तो उन्होंने बेटी का गर्भपात करा दिया। वहीं, आरोपी को पिछले साल नवंबर में ही बाल सम्प्रेषण गृह भेज दिया गया था। मामला जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर जनेह थाना क्षेत्र का है।
गैंग्रीन बीमारी से पीड़ित नाबालिग
आजीविका के लिए पीड़िता के साथ उसके माता-पिता अहमदाबाद चले गए और वहीं पर रहने लगे। हालांकि, कुछ ही समय में नाबालिग की तबीयत बिगड़ गई और उसका सर्वाइकल का ऑपरेशन किया गया। बताया जा रहा है कि नाबालिग गैंग्रीन बीमारी से पीड़ित है। इस दौरान माता-पिता वापस रीवा लौट आए और 25 जनवरी को अपनी बेटी का इलाज संजय गांधी अस्पताल में कराया। तब से अब तक उसका इलाज चल रहा है।
मां का डॉक्टरों पर आरोप
नाबालिग की मां ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि उनकी वजह से बेटी का हाथ काला पड़ गया है। इन आरोपों को निराधार बताते हुए मेडिकल कॉलेज के डीन मनोज इंदूरकर ने बताया कि नाबालिग के इलाज के पेपर देखे गए हैं और पहले उसका इलाज अहमदाबाद में चल रहा था।
मनोज इंदूरकर ने कहा कि नाबालिग की एमआरआइ रिपोर्ट बताती है कि उसे जन्म से एक बीमारी है, जिसकी वजह से उसकी एक सर्वाइकल रिब और फर्स्ट क्लेविकल फ्यूज हो गई है। इससे निकलने वाली एक नस में कॉम्बरेज होने से ब्लड फ्लो कम हो गया है और नस में थ्राम्बोसिस हो चुका है। इन कारणों से उसके बाएं हाथ में रक्त का प्रवाह नहीं पहुंच पाने से हाथ काला पड़ गया है।
हाथ काटने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं
इस मामले में अहमदाबाद के डॉक्टरों ने भी परिजनों को पहले ही बता दिया था कि आगे हाथ का इलाज संभव नहीं है और हाथ को अब काटना पड़ सकता है। डॉक्टरों ने कहा था कि नाबालिग का हाथ दवाइयों से ठीक नहीं हो सकता है और हाथ को अलग करने के अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं है। अगर समय रहते ऐसा नहीं किया गया तो ये बीमारी आगे और बढ़ सकती है। बच्ची को कुछ दिनों पहले ही भर्ती करवाया गया है। डॉक्टरों ने नाबालिग के स्वास्थ्य का जायजा लिया है और परिजनों से भी बात की है। हालत अब पहले से बहुत बेहतर है।