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मध्यप्रदेश

दर्शन के नाम पर लाखों रूपए का घोटाला, पुलिस रिमांड पर मंदिर के दो कर्मचारी

मध्य प्रदेश/ उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में वीआईपी दर्शन के नाम पर लाखों रुपए का घोटाला करने का मामला सामने आया है। खुद जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने महाकाल मंदिर पहुंचकर जांच करते हुए गड़बड़ी का खुलासा किया था। महाकाल मंदिर समिति की ओर से थाना महाकाल पुलिस को प्रतिवेदन दिया गया। प्रतिवेदन के आधार पर पुलिस ने महाकाल मंदिर समिति के कर्मचारी विनोद चौकसे और राकेश श्रीवास्तव के खिलाफ एक दिन पहले सोमवार को धारा-420 सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। दोनां को दो दिन के लिए पुलिस रिमांड पर लिया गया है।

अब तक की गई जांच में यह खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार आरोपियों और उनके परिजनों के मोबाइल में लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन सामने आया है। दर्शन के नाम पर भ्रष्टाचार में और भी कई आरोपी शामिल हो सकते हैं। इसलिए पुलिस ने आज दोनों आरोपियों को जिला न्यायालय पेश किया। जहां से दोनों आरोपियों को दो दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया है।

ऐसे करते थे घोटाला- महाकाल मंदिर में प्रोटोकॉल दर्शन के तहत न्यायालय अधिकारियों, मीडिया, जनप्रतिनिधियों और अन्य वीआईपी भक्तों को नंदी हॉल तक जाने की अनुमति मंदिर कार्यालय से दी जाती है। सामान्य दर्शनार्थियों को 250 रुपये की रसीद के माध्यम से बिना लाइन दर्शन की सुविधा मिलती है। इसी व्यवस्था का फायदा उठाकर मंदिर के कर्मचारी ठगी को अंजाम देते थे। कर्मचारी पहले भक्तों को नंदी हॉल से विशेष दर्शन और जल चढ़ाने का झांसा देकर पुजारी और पुरोहित से मिलवाते थे। इसके बाद, प्रत्येक भक्त से 1100 से 2000 रुपये तक वसूले जाते थे। जबकि यह राशि मंदिर समिति को जानी चाहिए थी, इसे कर्मचारियों ने खुद हड़प लिया।

थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह परिहार का कहना है कि यह मामला अमानत में खयानत का है। महाकाल मंदिर समिति की ओर से आवेदन प्राप्त हुआ था, जिस पर कार्रवाई की गई है। मामले में आरोपियां की संख्या बढ़ सकती है, इसलिए पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड मांगा गया।

एसपी प्रदीप शर्मा का कहना है कि मंदिर में अनाधिकृत रूप से दर्शन करवाने के नाम पर श्रद्धालुओं से ठगी करने के मामले में दो कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है। प्रारंभिक तौर पर इनके बैंक खातों में अत्यधिक ट्रांजेक्शन के साथ ही इनकी संपत्ति की भी जानकारी लगी है। इसीलिए इस मामले में एसपी नितेश भार्गव सीएसपी ओपी मिश्रा व महाकाल थाना प्रभारी नरेंद्र परिहार सूक्ष्मता से जांच करने में लगे हुए हैं। जांच के दौरान जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

विनोद चौकसे की बेटी और पत्नी गायब- विनोद चौकसे महाकाल मंदिर में सफाई प्रभारी के पद पर कार्यरत था जबकि उसकी बेटी प्राइवेट कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर काम करती थी। पुलिस को जानकारी लगी है कि विनोद श्रद्धालुओं से लिए जाने वाले रुपयों के छोटे ट्रांजेक्शन तो अपने खाते में ही करवा लेता था लेकिन 10,000 से अधिक की राशि वह अपनी बेटी के खातों में करवाता था। विनोद के पुलिस गिरफ्त में आने के बाद से ही उसकी बेटी और पत्नी गायब है और उनके घर पर ताला लटका हुआ है।