Home » शिवपुरी डैम हादसा : निकाले गए 6 लोगों के शव, बच्चे ने चोटी पकड़ कर बचाई मां की जान
मध्यप्रदेश

शिवपुरी डैम हादसा : निकाले गए 6 लोगों के शव, बच्चे ने चोटी पकड़ कर बचाई मां की जान

शिवपुरी। डैम में हुए हादसे में नाव पलट गई थी। कुल 15 लोग डूब गए थे। रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। सुबह 55 वर्षीय महिला का शव मिला। पानी के अंदर बहुत अधिक घास होने से गोताखोरों को परेशानी आ रही है। लापता श्रद्धालुओं में से छह के शव डैम से बाहर निकाल लिए गए हैं। इनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं।

खनियाधाना थानान्तर्गत रजाव गांव में मंगलवार शाम माताटीला डैम के कैचमेंट एरिया में नाव में पानी भर जाने से 15 लोग डूब गए थे। इनमें से 8 को तो दूसरी नाव के लोगों ने जैसे-तैसे बचा लिया था, जबकि 7 को तलाशने के लिए 18 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था। आज सुबह 10 बजे 55 वर्षीय शारदा लोधी का शव पानी में दिखाई दिया, जिसे बाहर निकाल लिया गया। अब तक कुल 6 शव मिल चुके हैं। प्रशासन ने जो गोताखोर पानी में उतारे, वह तो अधिक गहराई में नहीं जा पाए, लेकिन गांववालों ने जब गहराई में डुबकी लगाई, ता वहां डूबी हुई नाव दिख गई। जब नाव को खींचा, तो उसके नीचे फंसे दो बच्चों के शव दिखाई दिए। इस प्रकार तीन शवों को बाहर निकाल लिया गया है।

सुबह होते ही तेज हुआ सर्च ऑपरेशन

हंगामे की संभावना को देखते हुए डेम के पास ही अस्थाई पीएम हाउस बनाया गया है। यहीं पर चिकित्सकों ने शवों का पीएम किया। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस एवं प्रशासन की टीम के साथ स्थानीय ग्रामीणों ने नदी में उतरकर डूबे लोगों की तलाश शुरू की।

हालांकि रात होने पर रेस्क्यू की रफ्तार धीमी थी, लेकिन सुबह होते ही पूरी ताकत से नदी में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। अब तक शारदा पत्नी इमरत लोधी उम्र 55 साल, शिवा पुत्र भूरा लोधी उम्र 8 साल, कान्हा पुत्र कप्तान लोधी उम्र 7 साल के शव निकाले जा चुके हैं।

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर की गई मांग

हादसे के बाद स्थानीय निवासियों में प्रशासन के प्रति खासी नाराजगी है। रजावन गांव के ग्रामीणों का कहना है कि जहां यह मेला लगता है, वह जगह खिरकिट पंचायत में पड़ती है। ग्रामीणों द्वारा मेले के समय यहां सुरक्षा व्यवस्था करने को लेकर कई बार पंचायत व स्थानीय प्रशासन से मांग की गई है, लेकिन ग्रामीणों की मांग पर कभी कोई ध्यान नहीं दिया गया।

चोटी पकड़ कर बचाई मां और चाची की जान

नाव में सवार 12 वर्षीय बच्चे जानसन की हिम्मत से दो महिलाओं की जान बच गई। अगर वह नहीं होता, तो पानी में डूबने वालों की संख्या बढ़ सकती थी। जानसन का कहना है कि जब वह पानी में हाथ पैर चलाकर अपने जीवन को बचाने की जदोजहद में लगा था, तभी उसकी मां सावित्री और चाची उषा ने उसके पैर पकड़ लिए।

Search

Archives