खरगोन। मध्य प्रदेश के खरगोन की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट 50 वर्षीय पदमा राजौरा तिवारी का इंदौर के निजी अस्पताल में निधन हो गया। दरअसल, मजिस्ट्रेट ने टेस्ट ट्यूब बेबी प्रोसेस से नवजात बच्ची को जन्म दिया था। चार दिन तक वेंटीलेटर पर रहने के बाद गुरुवार को दोपहर में मौत हो गई।
डिलीवरी के बाद उनके तबीयत में कोई सुधार नहीं आया बल्कि उनकी स्थिति और खराब होने लगी। डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें पीलिया हो गया था जिसके संक्रमण से तबीयत बिगड़ती चली गई। 8 जनवरी को उन्होंने मेडिकल लीव लिया। इसके बाद उन्हें डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हें इंदौर रेफर किया गया, जहां उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया। डिलीवरी के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और चार दिनों तक लड़ने के बाद वह अपनी जिंदगी की जंग हार गई। स्वजनों ने बताया कि वह तीन साल से खरगोन में पदस्थ थी। उनका शहर के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था।
दरअसल, बच्चे की चाह में उन्होंने टेस्ट ट्यूब बेबी का इलाज लिया। शुरुआती दिनों में सब ठीक रहा और 8 जनवरी को उन्होंने मेडिकल लीव लिया। इसके बाद उन्हें डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। जिसके बाद उन्हें इंदौर रेफर किया गया, जहां उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया।
चार दिन वेंटिलेटर पर रही महिला जज
डिलीवरी के बाद उनके तबीयत में कोई सुधार नहीं आया, बल्कि उनकी स्थिति और खराब होने लगी। डॉक्टरों के मुताबिक, उन्हें पीलिया हो गया था, जिसके संक्रमण से तबीयत बिगड़ती चली गई। चार दिन तक उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया, लेकिन गुरुवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। सिलिकॉन सिटी इंदौर से उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई।