धनबाद। धनबाद में 10 एचआइवी संक्रमित युवकों ने अपनी बीमारी छिपाकर शादी कर ली है। एंटी रिट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) केंद्र की मानें तो कई युवकों ने अपनी बीमारी के बारे में पत्नी को भी नहीं बताया है। जिन लड़कियों से एचआइवी पीड़ित युवकों ने शादी की, इनमें तीन गर्भवती भी हैं।
एचआइवी संक्रमित युवकों द्वारा विवाह किए जाने की जानकारी धनबाद मेडिकल कॉलेज (एसएनएमएमसीएच) के एआरटी सेंटर को तब लगी, जब एक युवक की गर्भवती पत्नी एंटीनेटल चेकअप कराने अस्पताल पहुंची। पूछताछ में पता चला कि तीन वर्ष पूर्व 10 युवकों का इलाज इसी केंद्र से चल रहा था। बीच में सभी युवक गायब हो गए। अब सभी एक-एक कर सामने आ रहे हैं। पता चला कि सभी ने शादी कर ली है। एआरटी सेंटर के सीनियर काउंसलर अभय कुमार का कहना है कि शादी करना अधिकार है, लेकिन दूसरों की जान की परवाह करते हुए यह काम करना चाहिए। संबंधित युवकों से संपर्क किया जा रहा है। लोगों के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
एचआइवी संक्रमित होने के बाद कई पुरुष व महिलाएं एचआइवी से जुड़ी संस्थाओं के लिए काम करते हैं। ये 10 युवक भी विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से एचआइवी पीड़ित मरीजों की मदद के लिए काम कर रहे थे। संक्रमण कैसे रोका जाए, इसे लेकर लोगों को जागरूक कर रहे थे, लेकिन स्वयं विवाह कर उन्होंने अपनी पत्नी व बच्चों को संक्रमित कर दूसरों के लिए भी खतरा बने। इन युवकों द्वारा दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर शादी कर लेने से सभी सकते में हैं। गाइडलाइन के अनुसार एचआइवी संक्रमित पुरुष किसी संक्रमित महिला से ही शादी कर सकता है। इसमें यह भी ध्यान रखा जाता है कि महिला में संक्रमण का स्तर कम हो।