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भारतीय रेलवे के विद्युतीकरण के 100 वर्ष : केंद्र जारी करेगा 100 रूपए का रंगीन सिक्का, जानें क्या होगा खास

मुजफ्फरपुर। भारत में 16 अप्रैल 1853 को पहली बार ट्रेन चली और तीन फरवरी 1925 को मुंबई के विक्टोरिया टर्मिनस से कुर्ला तक पहली विद्युत ट्रेन पहुंची। इस ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाने के लिए भारत सरकार 100 रुपये का रंगीन सिक्का जारी करने जा रही है।
भारतीय रेल ने इस वर्ष विद्युतीकरण के 100 वर्ष पूरे होने के साथ अपने ब्राड गेज नेटवर्क के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया है। यह उपलब्धि न केवल देश के तकनीकी विकास का प्रतीक है, बल्कि भारत के सतत परिवहन और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि, ये सिक्का कभी प्रचलन में नहीं आएगा। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग ने इस सिक्के को जारी करने के लिए चार मार्च 2025 को गजट में अधिसूचना जारी कर दी है।

 

 ये होगा खास-

  • 44 मिमी के इस सिक्के का वजन 35 ग्राम होगा, जिसमें 50 प्रतिशत चांदी, 40 प्रतिशत तांबा तथा पांच-पांच प्रतिशत निकल और जस्ता का मिश्रण होगा।
  • सिक्के के एक तरफ विद्युतीकरण को दर्शाते हुए ट्रेन इंजन का रंगीन चित्र होगा, जिसके ऊपर की परिधि पर हिंदी में तथा निचली परिधि पर अंग्रेजी में भारतीय रेलवे के विद्युतीकरण का 100 वर्ष लिखा होगा।
  • इस रंगीन चित्र के नीचे वर्ष 1925-2025 लिखा रहेगा। दूसरी तरफ अशोक स्तंभ के नीचे रुपये के प्रतीक चिह्न के साथ मूल्यवर्ग 100 लिखा होगा तथा अशोक स्तंभ के दाएं एवं बाएं हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा में भारत लिखा होगा।
  • रेल विद्युतीकरण के सौ वर्ष पर केंद्र द्वारा जारी किया जाने वाला यह सिक्का केवल स्मारक सिक्का होगा और कभी प्रचलन में नहीं आएगा।

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