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सीने में घुसा और पीठ से निकला 5 सूत का सरिया, 12 घंटे तक मौत से जूझता रहा, डॉक्टर ने सर्जरी कर दिया जीवनदान

ऋषिकेश। सड़क हादसे में 5 सूत का सरिया युवक के सीने में जा घुसा और पीठ से बाहर निकल गया। पुलिस ने सरिया को काटा और छाती में फंसे सरिया सहित युवक को अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टर ने सफल सर्जरी कर युवक को जीवन दान दिया है। युवक अब खतरे से बाहर है।अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर कुछ दिन पहले शिक्षिकाओ को लेकर जा रही एक कार और पिकअप के बीच भिड़ंत हो गई थी। पिकअप वाहन सड़क से नीचे निर्माणाधीन पुलिया के पास जाकर पलट गया। पुलिया में 5 सूत का सरिया निकला हुआ था। जोकि पिकअप में सवार 18 वर्षीय मोहित की सीने में जा घुसा और आरपार हो गया। करीब एक घंटे तक मोहित सरिया के साथ फंसा रहा। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने सरिया को किसी तरह काटा और छाती में फंसे सरिया के साथ मोहित को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुयालबाड़ी पहुंचाया। जहां से युवक की गंभीर हालत को देखते हुए हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा गया। यहां से एम्स रेफर कर दिया गया। एम्स के मुख्य सर्जन डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि मरीज को तिरछी करवट वाली स्थिति में लिटाकर लाया गया है। एम्स ऋषिकेश पहुंचने में मरीज को 12 घंटे का समय लग गया। रिस्क लेकर सर्जरी शुरू करने का निर्णय लिया गया। चार घंटे सर्जरी में दाहिनी छाती खोलकर सीने से सरिया को बाहर निकाला गया। सर्जरी टीम में डॉ नीरज कुमार झा, डॉ अग्निवा, निश्चेतक डॉ अजय कुमार और डॉ मानसा शामिल थे। एम्स के निदेशक प्रोफेसर डॉ मीनू सिंह ने सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई दी। एनेस्थीसिया विभाग के डॉ अजय कुमार ने बताया कि सर्जरी के लिए मरीज को बेहोश करना आसान नहीं था। ऐसी स्थिति में मरीज को सीधा लिटाकर नहीं रख सकते। रिस्क लेकर डबल ल्यूमन ट्यूब डालकर बहोश करना पड़ा। यदि किसी व्यक्ति के शरीर में कभी सरिया या नुकीले लोहे की रॉड घुस जाए तो बिना शल्य चिकित्सकों की मदद के सरिया को शरीर से बाहर खींचने की कोशिश न करें। ऐसा करने से अत्यधिक रक्तस्त्राव होगा। ऐसे में मरीज का जीवन बचा पाना मुश्किल है।—-