मुंबई। अभिनेता नीतीश भारद्वाज द्वारा लगाए गए आरोपों पर अब उनकी पत्नी स्मिता भारद्वाज ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने सभी आरोपों को झूठा और मनगढ़त बताया है।
धारावाहिक महाभारत में कृष्ण का किरदार निभाने वाले नीतीश ने हाल ही में अपनी आईएएस पत्नी पर अपनी जुड़वा बेटियों देवयानी एवं शिवरंजनी से न मिलने देने और उनके अपहरण का आरोप लगाया था। विशेष बातचीत में स्मिता ने कहा कि पहले भी वह मीडिया में बयान दे चुके हैं। मेरी चुप्पी का अर्थ यह नहीं है कि मैं कमजोर हूं या गलत हूं। कोई भी मां अपने बच्चों का अपहरण नहीं कर सकती है। यह हमारे उत्पीड़न और बदनामी के लिए किया गया है। मैं उन्हें कोर्ट के माध्यम से सारी सूचनाएं देती हूं। जैसे इंदौर से ट्रांसफर होकर मैं भोपाल शिफ्ट हुई। इसकी सूचना मैंने कोर्ट में दी थी। इस बार भी हमने कोर्ट में बताया कि बच्चे ऊटी में नहीं रहना चाहते हैं। वह अपनी मां के पास भोपाल वापस आ गए हैं। यह तो उनके (नीतीश) वकील को उन्हें बताना चाहिए था। आगे वह बताती हैं छह फरवरी को फैमिली कोर्ट में तारीख थी। उसमें मैं और नीतीश दोनों अनुपस्थित थे। उसमें मेरे वकील ने सूचित किया था कि बेटियां मेरे साथ भोपाल में हैं। उनके पास घर का लैंडलाइन नंबर है, जिस पर वह लगभग दो सालों से फोन कर रहे हैं। उस पर उन्होंने कोई संपर्क नहीं किया।
उनका कहना है कि मैंने उनका मोबाइन फोन ब्लाक करके रखा है। यह बात सही है। हम एसएमएस के माध्यम से एक-दूसरे से बात करते हैं। उन्होंने सुनियोजित तरीके से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से समय लिया। उनसे मुलाकात की फिर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। मुझे गत 13 फरवरी को यह जानकारी पुलिस कमिश्नर से मिली। उन्होंने कहा कि हम बच्चों से मिलवा देते हैं। उनके पास मिलने के अधिकार है, लेकिन पूर्व सूचना दी जाती है। मैंने कहा कि बच्चों को घर पर मिलवाएंगे, तो कहा कि मैं आपके घर में कदम नहीं रखूंगा। पुलिस कमिश्नर ने पूछा कि कहां मीटिंग होगी, तो बोले कि मैं गेट के बाहर रहूंगा। बच्चे गेट के अंदर। इस पर भी सहमति बनी। फिर उन्होंने कहा कि मेरे साथ पुलिस आएगी। बच्चों के साथ मिलने का यह कैसा तरीका हुआ। मेरी बेटियां बहुत असहज थीं। वह जानबूझ विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश कर रहे हैं। अगर वह 13 फरवरी को मिल लेते तो 14 फरवरी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बोलते। स्मिता ने तलाक न होने की पुष्टि की।
उन्होंने बताया कि दिसंबर 2020 में नीतीश ने एक अंग्रेजी अखबार को इस चालाकी से बयान दिया कि उससे पता चले कि हमारा तलाक हो चुका है। इस मामले की वजह से सबसे ज्यादा तकलीफ मेरे बच्चों को हो रही है। नौ सालों में उन्होंने न तो बच्चों की फीस दी है, न ही मेंटेनेंस के पैसे दिए हैं। कोर्ट का अंतरिम आदेश है प्रत्येक बच्चे के लिए 10 हजार रुपये महीना देना है। एक महीने रुपये देने के बाद उन्होंने कुछ नहीं दिया। वास्तव में इन पर अदालत की अवमानना का मामला बनता है। मेंटेनेंस आर्डर में लिखा है कि उनकी सहमति से ही यह धनराशि देना तय हुआ है। मैं इसलिए चुप हूं कि हम शांति से सम्मान डिगनिटी से जीना चाहते हैं। स्मिता ने बताया कि तलाक का कारण भी बड़ा विचित्र है। बकौल स्मिता वह चाहते हैं कि मैं नौकरी छोड़ दूं। या तो मैं शादी को बचाऊं या नौकरी।