दौसा। राजस्थान के दौसा में बीते 41 घंटों से आर्यन बोरवेल में फंसा हुआ है। प्रशासन दिन रात उसे निकालने के प्रयास कर रहा है, लेकिन सभी प्रयास़ फेल हो रहे हैं, जिसके कारण उसके माता-पिता और प्रशासन दोनों की चिंता बढ़ती जा रही है।
जिले के कालीखाड़ गांव में 160 फीट गहरे बोरवेल से आर्यन को निकालने के लिए अब हाईटेक मशीनों से सुरंग बनाई जा रही है। बोरवेल में गिरने से बाद से बच्चे तक एक बूंद पानी तक नहीं पहुंच सका है। इस कारण परिवार और प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।
दरअसल, सोमवार दोपहर तीन बजे आर्यन अपनी मां के सामने ही बोरवेल में गिर गया था। हादसा घर से करीब 100 फीट की दूरी पर हुआ। बोरवेल को करीब तीन साल पहले खुदवाया गया था, लेकिन वो मोटर फंसने की वजह से काम नहीं आ रहा था। अधिकारियों का कहना है कि आर्यन अब उसी बंद मोटर के करीब फंसा हुआ है।
पाइप से पहुंचाया जा रहा ऑक्सीजन
बोरवेल के समानांतर सात जेसीबी और तीन खोदाई मशीनों के जरिए गड्डा खोदा जा रहा है। बच्चे को बाहर निकालने के लिए देसी जुगाड़ भी किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। पाइप के माध्यम से बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है।
जानकारी के अनुसार बच्चा बोरवेल के बीच में पहले से लगी मशीन पर अटक गया है। जिला कलक्टर देवेंद्र यादव ने बताया कि बच्चे को बाहर निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है। बच्चा 150 फीट गहराई में फंसा हुआ है। उससे बातचीत के प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली है।
बता दें कि बच्चा सोमवार दोपहर साढ़े तीन बजे अपनी मां के साथ खेत में था। मां पानी की टंकी पर काम कर रही थी कि वह खेलता हुआ खुले बोरवेल में गिर गया।
अब तक 6 देसी जुगाड़ फेल हुए
मिली जानकारी के अनुसाल, सोमवार शाम से मंगलवार देर रात तक एनडीआरएफ ने 6 देसी जुगाड़ से बच्चे को निकालने का प्रयास किया, लेकिन सभी फेल रहे। पांचवें प्रयास में बोरवेल में अम्ब्रेला उपकरण को इन्स्टॉल किया गया था। देर रात छठे प्रयास में रिंग डालकर बच्चे के हाथ और पैर में रस्सी फंसाकर उसे बाहर निकालने की कोशिश की गई, लेकिन रस्सी अपनी पकड़ नहीं बना सकी। जिसके कार आर्यन अब तक बोरवेल में ही फंसा हुआ है।