भुवनेश्वर। मचान के ऊपर बैठे दंपती और नीचे खूंखार बाघ और तो और मचान की ऊंचाई इतनी भी नहीं कि इंसान खुद को ऊपर सुरक्षित महसूस कर सके। कुछ ऐसा ही वाक्या ओडिशा के गजपति जिले के मोहना प्रखंड मलासपदर पंचायत के डिम्बिरीपंकल गांव से सामने आया है। मचान पर बैठकर फसल की रखवाली कर रहे दंपती की नजर जैसे ही नीचे सो रहे बाघ पर पड़ी उनके होश उड़ गए। दंपती चीख पुखार करने लगे और उनकी चीख पुकार सुन मौके पहुंचे ग्रामीणों ने जब बाघ के पैरों के निशान देखे तो उनके भी होश उड़ गए। ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचित किया। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने हालात जानने के बाद ग्रामीणों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
जानकारी के मुताबिक, दंपती मचान पर बैठकर मक्के की फसल की रखवाली कर रहे थे और मचान के नीचे बाघ सो रहा था। हालांकि जैसे ही दंपत्ति की नजर मचान के नीचे गई तो उनके होश उड़ गए और डरकर चीख निकल गई। चीख-पुकार सुनने के बाद बाघ जंगल की ओर भाग गया और आस-पास रहने वाले ग्रामीण खेत में पहुंच गए। घटना ओडिशा के गजपति जिले के मोहना प्रखंड मलासपदर पंचायत के डिम्बिरीपंकल गांव की है।
मचान के नीचे चैन से सो रहा था बाघ
जानकारी के मुताबिक, बुधवार रात को गांव निवासी आसेली गमांग अपनी पत्नी के साथ मंच पर बैठकर मक्के की फसल की रखवाली कर रहा था। रात करीब 11 बजे दंपती ने बाघ को मंच के नीचे सोते हुए देखा। यह देखकर दंपति डर गए और चिल्लाने लगे। चीख-पुकार सुनकर गांव वाले मौके पर पहुंचे। तब तक बाघ तो चला गया था, मगर उसके पैरों के निशान मचान के नीचे बन गए थे।
डर के मारे घरों में दुबके लोग
गांव वालों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। वन विभाग की टीम वहां पहुंची और लोगों को सावधान रहने को कहा है, वहीं बाघ के इस तरह विचरण को जानने के बाद गांव के लोगों में भय का माहौल बन गया है। लोग डर के मारे घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं।