चमोली। चीन सीमा पर माणा के पास शुक्रवार को हिमस्खलन की चपेट में आए सभी लोगों को ढूंढ लिया गया है, जिसमें से 46 सुरक्षित हैं, जबकि 8 श्रमिक की मौत हो गई। रविवार को लापता सभी चार श्रमिकों के शव रेस्क्यू टीम ने बरामद कर लिए हैं। जबकि चार श्रमिकों के शव शनिवार को ही बरामद कर लिए गए थे। वहीं, रविवार को एक अन्य घायल को एम्स ऋषिकेश के लिए रेफर कर दिया गया है, जबकि एक घायल श्रमिक शनिवार को रेफर किया गया था। इसके साथ ही तीन दिनों से चला आ रहा रेस्क्यू अभियान भी समाप्त हो गया।
दोपहर करीब एक बजे पहले एक शव बरामद हुआ। उसके बाद दो अन्य श्रमिकों के शव भी बरामद हुए। अंतिम लापता व्यक्ति का शव दोपहर करीब चार बजे बरामद कर लिया गया। जिसके बाद हादसे में मृतकों की संख्या 8 हो गई। अंतिम व्यक्ति का शव मिलने के साथ ही रेस्क्यू अभियान भी समाप्त कर दिया गया।
माणा से सभी श्रमिकों को हेलीकॉप्टर से ज्योतिर्मठ स्थिति सेना के अस्पताल में लाया गया है। सबसे बाद में मिले शव को भी लाने का प्रयास किया जा रहा है। रेस्क्यू अभियान में सेना के सात और एक निजी हेलीकॉप्टर की मदद ली गई। जिनसे श्रमिकों को माणा से ज्योतिर्मठ लाया गया। दो श्रमिक एम्स ऋषिकेश भेजे गए। अन्य का आर्मी अस्पताल ज्योतिर्मठ में उपचार चल रहा है।
0 मृतकों का विवरण
– अशोक (28) , गंगहोल बेनाऊ फतेहपुर उत्तर प्रदेश।
– हरमेश (31) , कुठार ऊना हिमाचल प्रदेश।
– मोहिंदर पाल (42) , हिमाचल।
– आलोक यादव, निवासी कानपुर उत्तर प्रदेश।
– मंजीत यादव, निवासी सरवान उत्तर प्रदेश
– जितेंद्र सिंह, (26) , बिलासपुर उत्तर प्रदेश।
– अरविंद कुमार सिंह (43), निवासी गोकुल धाम भगत निवास, न्यू कालोनी क्लेमेंटाउन देहरादून।
चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी का कहना है कि हिमस्खलन की चपेट में 54 लोग आए थे, 46 को सुरक्षित निकाल लिया गया। आईटीबीपी और सेना से मिली जानकारी के अनुसार जो अंतिम व्यक्ति लापता था उसका शव भी बरामद हो गया है। हादसे में कुल 8 लोगों की जान गई है। सात शव आर्मी अस्पताल ज्योतिर्मठ पहुंच गए हैं, एक शव अभी माणा क्षेत्र में है, उसे भी हेलीकॉप्टर से लाने की कार्रवाई की जा रही है।