कोझिकोड। केरल में निपाह वायरस से हड़कंप मच गया है। हाल ही में कोझिकोड जिले में इस वायरस से दो लोगों के मौत की पुष्टि हुई है। इसके बाद केंद्र से लेकर राज्य सरकार एक्टिव मोड पर आ गई है। सात पंचायतों के कई वार्डो को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है।
केरल सरकार के अनुसार निपाह वायरस के चार संक्रमितों में से दो की जान चली गई है। केरल की स्वस्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि यह निपाह वायरस का प्रकार बंग्लादेश वैरिएंट है, जो एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है और इसकी मृत्यु दर अधिक है। हालांकि यह कम संक्रमण है। स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की। केरल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एक वयस्क और एक बच्चा अभी भी निपाह से संक्रमित हैं और अस्पताल में हैं। अब तक 130 से अधिक लोगों का वायरस के लिए परीक्षण किया जा चुका है।
वायरस की पुष्टि होने के बाद मुख्यमंत्री वियन ने लोगों से नहीं घबराने और एहतियात बरतने की सलाह दी है। संक्रमित मरीजों में 9 वर्ष का बच्चा भी शामिल हैं। वायरस से जिस पहले व्यक्ति की 30 अगस्त को मौत हुई थी, उसकी मृत्यु का कारण लिवर सिरोसिस माना गया था, लेकिन अब उसके नौ वर्षीय पुत्र और 24 वर्षीय रिश्तेदार में मंगलवार को हुई जांच में निपाह वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। व्यक्ति का बेटा पहले से ही आईसीयू में है।
कैसे फैलता है निपाह
यह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है। इसे जूनोटिक डिजीज कहा जाता है। ये चमगादड़ों और सुअर के जरिए इंसानों में फैल सकता है। ऐसा माना जाता है कि यह वायरस चमगादड़ जैसे संक्रमित जानवरों के लार, ब्लड या अन्य शारीरिक तरह पदार्थ के संपर्क से फैलता है। यह ह्यूमन टू ह्यूमन ट्रांसमिशन से, किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर उत्पन्न श्वसन बूंदों के जरिए भी फैल सकता है।