वायनाड। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को केरल के वायनाड से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। इस महत्वपूर्ण मौके पर उनके साथ उनकी मां सोनिया गांधी, भाई राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी थे।
प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा और उनका बेटा भी इस अवसर पर साथ थे। चुनावी हलफनामे में प्रियंका गांधी ने अपनी वित्तीय स्थिति का खुलासा किया है। वित्त वर्ष 2023-24 के इनकम टैक्स रिटर्न के अनुसार, प्रियंका के पास कुल 46.39 लाख रुपए की संपत्ति है, जबकि उनके पति राबर्ट वाड्रा के पास 15 लाख रुपए की संपत्ति है।
चल और अचल संपत्ति
चुनावी हलफनामें के मुताबिक, प्रियंका गांधी की चल संपत्ति 4,24,78,689 रुपए है, जबकि उनकी अचल संपत्ति की कीमत 1,38,99,25,15 रुपए है। राबर्ट वाड्रा के पास 37,91,47,432 रुपए की चल संपत्ति है। प्रियंका पर 15,75,000 रुपए का कर्ज है, जबकि राबर्ट पर 10,03,30,374 रुपए की देनदारी है।
निवेश और बैंक खाते
प्रियंका गांधी ने म्यूचुअल फंड में कुल 2,24,93,000 रुपए का निवेश किया है। उनके पास 3 बैंक अकाउंट हैं, जिनमें कुल 3,61,000 रुपए से अधिक की डिपॉजिट राशि है। 30 सितंबर तक उनके पास 52,000 रुपए कैश इन हैंड थे। प्रियंका के पीपीएफ अकाउंट में 17,38,265 रुपए जमा हैं।
चांदी और ज्वेलरी
प्रियंका गांधी वाड्रा के पास 59.83 किलो चांदी की वस्तुएं हैं, जिनकी कीमत 29,55,581 रुपए है। इसके अतिरिक्त, उनके पास 4.41 किलो ज्वेलरी है, जिसमें 2.5 किलो सोने की ज्वेलरी शामिल है, जिसकी कुल कीमत 1,15,79,000 रुपए है। यह जानकारी उनके चुनावी हलफनामे का हिस्सा है, जो उनकी संपत्ति और वित्तीय स्थिति को दर्शाती है।
वाहन और कृषि जमीन
प्रियंका गांधी वाड्रा के पास एक होंडा सीआरवी कार है, जिसकी कीमत 8 लाख रुपए है। इसके अलावा, उनके पास कृषि भूमि भी है, जिसकी कुल कीमत 2 करोड़ 10 लाख रुपए से अधिक है। यह संपत्ति उनके वित्तीय विवरण में महत्वपूर्ण स्थान रखती है और उनके चुनावी हलफनामे का हिस्सा है।
आवासीय संपत्ति
प्रियंका गांधी के पास शिमला में 48,997 स्क्वायर फीट का एक घर है, जिसकी कीमत लगभग 1 करोड़ 9 लाख रुपए है। उनके कुल आवासीय क्षेत्र की कीमत 7.74 करोड़ रुपए है। वहीं, राबर्ट वाड्रा के पास 27.64 करोड़ रुपए की कमर्शियल बिल्डिंग्स हैं। प्रियंका गांधी का नामांकन और उनके वित्तीय विवरण दोनों ही आगामी उपचुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उनकी संपत्ति और निवेशों की जानकारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ावा देती है।