इंफाल। मणिपुर हिंसा की जांच में सीबीआई ने तेजी लाई है। सीबीआई ने मामले में कुल 6 एफआईआर दर्ज की थी, जिसके बाद अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीबीआई सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ये सभी गिरफ्तारियां अलग-अलग समय में हुई हैं। इसके अलावा महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाए जाने को लेकर भी सीबीआई एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में है।
वायरल वीडियो मामले की जांच
केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में बताया गया है कि महिलाओं के वीडियो वाले मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। हालांकि वायरल वीडियो मामले की जांच को सीबीआई ने औपचारिक तौर पर अपने हाथ में नहीं लिया है। इस मामले में मणिपुर पुलिस ने वायरल वीडियो में दिख रहे 8 लोगों को गिरफ्तार किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया था संज्ञान
गृह मंत्रालय ने अपने सचिव अजय कुमार भल्ला के जरिए दाखिल हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर ट्रांसफर करने की भी अपील की, जिससे मुकदमे की सुनवाई समयबद्ध तरीके से पूरी हो सके। मणिपुर के कांगपोकपी जिले में चार मई को दो महिलाओं को भीड़ के निर्वस्त्र कर उन्हें घुमाए जाने की घटना का पता 19 जुलाई को वीडियो के जरिए चला था। सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को घटना पर संज्ञान लिया था और कहा था कि वह वीडियो से ‘‘बहुत व्यथित’’ है और हिंसा को अंजाम देने के हथियार के रूप में महिलाओं का इस्तेमाल ‘‘किसी भी संवैधानिक लोकतंत्र में पूरी तरह अस्वीकार्य है.’’
चीफ जस्टिस ने दिए थे निर्देश
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और मणिपुर सरकार को तत्काल एहतियाती कदम उठाने और उन कदमों की जानकारी उसे देने का निर्देश दिया था। केंद्र ने अपना जवाब देते हुए कहा, ‘‘मणिपुर सरकार ने 26 जुलाई 2023 को लिखी एक चिट्ठी में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव से इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की थी, जिसे गृह मंत्रालय ने 27 जुलाई को मंजूरी दे दी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच मणिपुर में जातीय हिंसा से जुड़ी याचिकाओं पर 28 जुलाई को सुनवाई करने वाली थी, लेकिन बेंच के मौजूद नहीं होने के चलते इसे टाल दिया गया।