महाकुंभ को भव्य बनाने के लिए राज्य के साथ केंद्र सरकार भी लग गई है। केंद्र सरकार ने 2100 करोड़ का विशेष अनुदान स्वीकृत किया है। साथ ही इसकी पहली किस्त 1050 करोड़ भी जारी कर दी है।
बता दें कि महाकुम्भ का आयोजन 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 के बीच आयोजित किया जाएगा। महाकुम्भ मेला के सकुशल आयोजन के लिए भारत सरकार से एकमुश्त विशेष सहायता अनुदान के रूप में धनराशि स्वीकृत किये जाने को लेकर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा केंद्र सरकार से विशेष से अनुरोध किया गया था।
महाकुंभ के लिए केंद्र सरकार की ओर से 2100 करोड़ का विशेष अनुदान स्वीकृत करने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में डबल इंजन की सरकार विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक व आध्यात्मिक समागम ”प्रयागराज महाकुम्भ-2025” को दिव्य व भव्य बनाने के लिए संकल्पित है। इस शृंखला में केंद्र सरकार ने 2100 करोड़ का विशेष अनुदान स्वीकृत किया है। इसमें आज 1050 करोड़ की पहली किस्त भी जारी कर दी गई है। केंद्र सरकार के इस सहयोग से श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ, सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित महाकुंभ को साकार रूप देने में सहायता मिलेगी। दिव्य-भव्य-डिजिटल महाकुंभ की संकल्पना की सिद्धि में सहायक इस उपहार हेतु प्रधानमंत्री का आभार।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पहले ही 5435.68 करोड़ रुपए भव्य, दिव्य और डिजिटल महाकुम्भ के आयोजन पर खर्च कर रही है। सरकार द्वारा महाकुम्भ के लिए 421 परियोजनाओं पर यह धनराशि खर्च की जा रही है। प्रदेश सरकार की ओर से अब तक 3461.99 लाख की वित्तीय स्वीकृति दी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों, जिसमें लोक निर्माण विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, सेतु निगम, पर्यटन विभाग, सिंचाई, नगर निगम प्रयागराज द्वारा विभागीय बजट से 1636.00 करोड़ रुपए की 125 परियोजनाओं को क्रियान्वित कराया जा रहा है।
महाकुंभ 2025 होगा खास- इसके अतिरिक्त महाकुम्भ 2025 के अन्तर्गत विभिन्न प्रयोग, जिसमें डिजीटल कुम्भ म्यूजियम का निर्माण एवं पर्यटन रूट सर्किट (प्रयागराज-अयोध्या-वाराणसी-विंध्याचल-चित्रकूट) का निर्माण इत्यादि किया जा रहा है। महाकुम्भ 2025 के अन्तर्गत श्रद्धालुओं, पर्यटकों एवं दर्शनार्थियों के आवागमन एवं पुण्य स्नान किये जाने की उत्तम व्यवस्था की जा रही है। साथ ही महाकुम्भ 2025 को दिव्य महाकुम्भ, भव्य महाकुम्भ के साथ-साथ स्वच्छ महाकुम्भ, सुरक्षित महाकुम्भ, सुगम महाकुम्भ, डिजिटल महाकुम्भ, ग्रीन महाकुम्भ की अवधारणा के रूप में विकसित किये जाने का लक्ष्य है।